घर लौटते समय रास्ते से लापता हुए सेना के जवान विशाल को लापता हुए 10 दिन बीत चुके हैं लेकिन अभी तक इस मामले में पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लग पाया है। वहीं, जवान विशाल के साथ हिमाचल आ रहे बाकी पांच जवानों की जुबान भी लड़खड़ाने लगी है। पांचों जवान में से हर कोई विशाल को लेकर अलग बयान दे रहा है। कोई कह रहा है कि वह हमारे साथ दिल्ली तक आया था, तो कोई कह रहा है वह झांसी तक आया था। लेकिन, कोई भी साफ और सच बताने का राजी नहीं है।
घरवालों के मुताबिक तो यह पांच जवान विशाल की कार्यशैली से खुश नहीं थे और ट्रेन में वापिस लौटते समय भी उसे धमका रहे थे। समाचार फर्स्ट के साथ बातचीत में घरवालों ने कहा 24 घंटे के भीतर जब विशाल घर नहीं पहुंचा तो हमने कांगड़ा थाने में शिकायत करवानी चाही, लेकिन उन्होंने FIR लिखने पर मना कर दिया। इसके बाद किसी समाचार पत्र ने इसे छापा तो FIR दर्ज हुई। मामला दर्ज होने के बाद उसके साथी पांच जवानों को पूछताछ के लिए भी बुलाया था। लेकिन, सिर्फ ज्वाली का ही एक जवान पुलिस थाने में हाजिर हुआ।
समाचार फर्स्ट के साथ बातचीत में घरवालों ने बताया कि उन्हें 3 सितंबर को साढ़े 11 बजे किसी नंबर से विशाल का आखिरी कॉल आया था। जिसमें विशाल ने कहा कि उसका फोन गुम हो गया है और आपको कोई कॉल कर परेशान तो नहीं कर रहा… इसके बाद उसका फोन कट हो गया और घरवालों ने दौबारा ट्राई किया तो वह नहीं लगा।
यहां तक की घरवालों ने खुद दिल्ली और झांसी में FIR करवाई और वहां ढूंढने पहुंचे। अपने स्तर पर जांच में घऱवालों को झांसी से पता चला कि आखिरी टाइम जवान विशाल को पुलिस थाने में रखा गया था। पुलिस का कहना था कि किसी इलाके में पत्थरबाजी हो रही थी और उनके हाथ में जो भी सदिंग्ध लगा वह उसे उठाकर थाने में ले आए। लेकिन, जब उसने बताया तो उसे छोड़ दिया गया और वह चला गया। पुलिस ने घरवालों को बकायदा वीडियो फुटेज भी दिखाई।
इसके बाद घरवालों ने जब्बलपुर मध्यप्रदेश बटालियन में ट्रेनिंग सेंटर पर पूछा तो उन्होंने यह कह कर टाल दिया कि विशाल अभी 28 दिन की छुट्टी पर है और जब उसकी छुट्टी पूरी हो जाएगी और वह नहीं पहुंचेगा, तभी उसकी जांच की जाएगी। अपनी बहन के यहां जाने की अटकलों पर घरवालों ने दिल्ली पुलिस में भी मामला दर्ज करवाया। लेकिन, वहां विशाल का कोई सुराग नहीं मिला।
इस बारे में समाचार फर्स्ट ने पुलिस से बात करनी चाहिए तो पुलिस ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और विशाल के साथी इसमें पूरा सहयोग दे रहे हैं। हालांकि, विशाल के साथियों के साथ बातचीत करनी चाहिए तो उन्होंने बातचीत करने से मना कर दिया लेकिन उन्होंने यह जरूर बताया कि वह चार सितंबर को अपने घर पहुंचे चुके थे। जबकि, चार सितंबर को ही झांसी में पुलिस ने उसे पकड़ा था।
इस सारे मामले के बात करें तो अभी तक सिर्फ मामला उलझता हुआ नज़र आ रहा है। एक ओर विशाल के घरवाले विशाल के साथियों पर आरोप लगा रहे हैं तो वहीं उनके साथियों के अलग-अलग बयान भी मामले को तूल दे रहे हैं।