आगरा के मलपुरा ड्रॉपिंग जोन में पैराजंप के दौरान हिमाचल के उपमंडल नगरोटा बगवां की बड़ोह तहसील की बूसल पंचायत के पैराट्रूपर 27 साल के अमित कुमार की पैराशूट नहीं खुलने पर मौत हो गई। उन्होंने गुरूवार को जहाज एएन-32 से 6 हजार फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई, लेकिन उनका पैराशूट नहीं खुला। इस कारण वह सीधे जमीन पर आ गिरे। उन्हें तुरंत सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई। अमित कुमार भारतीय वायु सेना की यूनिट भुज नौ, गरुड़ गुजरात में सेवाएं दे रहे थे। शनिवार को उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में होगा।
पैराट्रूपर अमित कुमार पुत्र शक्ति चंद वीरवार की शाम अभ्यास के लिए ड्रोपिंग जोन में आए थे। उन्होंने जहाज से 6 हजार फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई। पैराशूट की रस्सियों के साथ उनका हाथ भी उलझ गया, जिससे पैराशूट नहीं खुल सका। वह सीधे जमीन पर आकर गिर गए और इससे गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें सैन्य अस्पताल लाया गया। जहां उनकी मौत हो गई। थाना सदर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया।
परिजनों को घटना की जानकारी दी गई, लेकिन वे वहां नहीं पहुंच सके। इसके बाद पार्थिव शरीर को शुक्रवार दोपहर को पठानकोट पहुंचाया, वहां से कांगड़ा के लिए भेजा गया। इंस्पेक्टर थाना सदर ने बताया कि पैराशूट नहीं खुलने की वजह से हादसा हुआ था। अमित कुमार 2010 में वायु सेना में भर्ती हुए थे। वह कुछ समय पहले ही छुट्टी काटकर घर से ड्यूटी पर लौटे थे। उनकी शादी करीब 2 साल पहले ही हुई थी। उनके दो भाई हैं। शुक्रवार को उनकी मौत की सूचना मिलते ही परिवार के सदस्य गम में डूब गए। उपायुक्त संदीप कुमार ने इस हादसे की पुष्टि की है।
दो बार पहले भी हुए हैं हादसे
गौरतलब है कि ऐसे हादसे पहले भी 2 बार हो चुके हैं जिनमें 23 मार्च, 2018 को पलवल, हरियाणा निवासी सुनील कुमार की पैराशूट नहीं खुलने से जान चली गई थी। उन्होंने 8 हजार फीट की ऊंचाई से छलांग लगाई थी। वहीं 8 नवंबर 2018 को भी पंजाब के पटियाला निवासी हरदीप सिंह की मौत हो गई थी। वह 11 हजार फीट की ऊंचाई से कूदे थे।