जीवन रेखा को माने जाने वाले अस्पताल खुद पड़े है बीमार। इसी कड़ी में भराड़ी सामुदायिक अस्पताल की हालत भी बिगड़ी हुई है , कहने को 30 बेड की ओपीडी से 50 कर दिया गया है परतुं डॉक्टरों की कमी से सारी व्यवस्था चरमराई हुई है। भराड़ी अस्पताल में डॉक्टरों के 5 पद स्वीकृत हैं लेकिन वर्तमान समय मे केवल 2 डॉक्टर ही सेवारत हैं। जिसमे एक डॉक्टर के व्यवहार को देखकर मरीज़ अस्पताल के दरवाजे से ही वापिस हो जाते हैं। जिस अस्पताल की ओपीडी 250 से ज्यादा होती थी आज उसकी हालत ऐसी है कि पूरे दिन में 70 से 100 के करीब हो रही है ।
भराड़ी अस्पताल में डॉक्टर के इस व्यवहार से मरीजों ने भराड़ी का रुख बदलना ही उचित समझ रहे है । डॉक्टर डयूटी का समय 9.30 सुबह का है परतुं वो 10 बजे अस्पताल पहुंच रहे है। मरीजों ने कहा कि हम सुबह से 1 घंटे से बाहर खड़े हैं लेकिन डॉक्टर समय पर अपनी ड्यूटी पर नहीं पहुंचते अगर उन्हें इस विषय पर बोला जाए तो वो उल्टा मरीज़ को ही डराने का काम शुरू कर देते हैं।
आम जनता ने बताया कि 13 से 14 पंचायतों को भराड़ी अस्पताल सुविधा मुहैया करवाने के लिए उपलब्ध है लेकिन ये अस्पताल खुद डॉक्टरों की कमी से जूझ रहा है। अगर यही हाल रहता है तो जनता आंदोलन का रास्ता अपनाने से भी पीछे नहीं हटेगी।
इस बारे में भराड़ी अस्पताल के एसएमओ देव दत्त शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मैं पहले भी इस विषय मे डॉक्टरों को हिदायत दे चुका है परतुं उनकी कार्यप्रणाली में सुधार नही हो रहा तो उन्होंने दोबारा उनसे इस बात पर स्पष्टिकरण मांगेंगे और कार्यवाही भी अमल में लाई जाएगी।
ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर एके सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में डॉक्टरों की कमी चल रही है इस विषय की पूरी जानकारी है। भराड़ी अस्पताल में जो डॉक्टर समय से नहीं पहुंच रहे और जिनका व्यवहार मरीजों के प्रति सही नहीं है उनके ऊपर कार्यवाही अमल लाई जाएगी।