शिमला में आज विश्व जल दिवस मनाया जा रहा है। इस दिन विश्व के सभी विकसित देशों में स्वच्छ एवं सुरक्षित जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर मंथन किया जाता है। शिमला में राज्य विज्ञान प्रोधोगिकी एवं पर्यावरण परिषद फ़िल्म फ़ेस्टीवल करवा रहा है। इस कार्यक्रम का मकसद लोगों के बीच में जल संरक्षण का महत्व साफ पीने योग्य जल का महत्व को बताना है। 22 मार्च 1993 को पहली बार “विश्व जल दिवस” मनाया गया था।
शिमला में राज्य विज्ञान प्रोधोगिकी एवं पर्यावरण परिषद के सदस्य सचिव डीसी राणा ने बताया कि जल दिवस पर 20 लघु फिल्में दिखाई जा रही हैं। दो दिन तक स्कूली बच्चों को पानी के संरक्षण एवं संबर्धन के ऊपर फिल्में दिखाई जाएगीं। साथ ही वन संरक्षक पर भी फिल्में दिखाई जाएगीं। इस बार होली के दूसरे दिन ही विश्व जल दिवस मनाया जा रहा है। इसलिए पानी के बचाव के प्रति लोगों को जागरूक करना जरूरी है।
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यहां गौर करने वाली बात ये है कि देश का करीब 40 फीसदी से ज्यादा हिस्सा सूखे की चपेट में आने वाला है। एक आंकलन के मुताबिक़ दुनिया में लगभग 400 करोड़ लोगों को स्वच्छ पानी नहीं मिल रहा है जिसमें 25 फीसदी भारतीय भी शामिल हैं। भारत देश में 1170 मिमी औसत बारिश होती है, लेकिन 6 फीसदी पानी को ही हम सुरक्षित रख पाते हैं।