हिमाचल प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनाने में एक बार फिर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बाद पंडित सुखराम और पोते आश्रय शर्मा एक बार फिर से आज शाम को घर वापसी कर सकते हैं। सूत्रों से मिली खबर के अनुसार आज शाम को हिमाचल प्रदेश बीजेपी को 2 बड़े झटके लग सकते हैं। हिमाचल की राजनीति पर विशेष रूप से मंडी लोकसभा सीट पर अच्छी पकड़ रखने वाले पंडित सुखराम लगातार अपने पोते आश्रय शर्मा के लिए बीजेपी से टिकट की मांग कर रहे थे लेकिन सीट आवंटन के बाद एक बार फिर से सांसद रामस्वरूप को ही बीजेपी ने टिकट थमा दिया। इससे कहीं ना कहीं प्रदेश की सियासत में बड़ा बदलाव आ सकता है। सूत्रों से मिली खबर के अनुसार आज शाम को मंडी लोकसभा सीट से आश्रय शर्मा को कांग्रेस पार्टी अपना उम्मीदवार भी बनाने जा रही है।
वहीं चर्चा थी कि हमीरपुर लोकसभा से पूर्व सांसद सुरेश चंदेल आज कांग्रेस में जा सकते हैं। लेकिन कांग्रेसी नेतायों के बीच चल रही खींचा तानी में सुरेश चंदेल की ज्वाइनिंग को टाल दिया गया है। बतातें चलें कि हमीरपुर लोकसभा में कांग्रेस पार्टी किसी हैवी वेट चेहरे को उम्मीदवार बनाना चाहती थी। इसमें मुकेश अग्निहोत्री और सुखविंदर सिंह सुक्खु का नाम सबसे ऊपर था लेकिन दोनों बड़े नेताओं के टाल मटोल के चलते अब कांग्रेस विकल्प की तलाश कर रही है।
इस तरह से मंडी लोकसभा सीट के लिए पंडित सुखराम के लगातार बयान आ रहे थे कि उनके पोते को टिकट दी जाए। लेकिन बीजेपी ने उनकी इस बात को हरकिनार करते हुए दोबारा से रामस्वरूप पर ही विश्वास जताया है। वहीं पूर्व सांसद सुरेश चंदेल को मनाने के प्रयास भी बीजेपी हाईकमान के विफल हो चुके हैं।
हालांकि आने वाले लोकसभा चुनाव के ठीक पहले दो बड़े नुकसान बीजेपी को हिमाचल प्रदेश में होते दिखाई दे रहे हैं अब देखना यह है कि इनकी भरपाई क्या मोदी लहर और मुख्यमंत्री जयराम का नाम कर पाएगा या नहीं। क्योंकि इस बार माना ये भी जा रहा है कि बीजेपी के मास लीडर के रूप में माने जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल भी हमीरपुर लोकसभा तक ही केंद्रित रखेंगे। ऐसे में पंडित सुखराम का आश्रय शर्मा के साथ और सांसद सुरेश चंदेल का पार्टी छोड़ कर जाना जयराम के लिए भारी भी पड़ सकता है।