हिमाचल समेत पूरे देश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू है। चुनाव आयोग की निगाहें सक्रिय हो उठी हैं, लेकिन सरकार की नींद अभी टूटी नहीं है। मामला बिलासपुर शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में एसबीआई बैंक सहित अन्य विभिन्न बैंक शाखाओं का है। जिनमें आचार संहिता लगने के बाद भी प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी की ऋण से सम्बंधित योजनाओं के बैनर और होर्डिंग सरेआम लगे हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में एसबीआई बैंक सहित अन्य विभिन्न बैंकों में केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी के पोस्टर और होर्डिंग नहीं हटे हैं।
अब प्रश्न ये उठता है केंद्र सरकार के द्वारा राष्ट्रीयकृत बैंक आचार संहिता के दायरे में नहीं आते है। बैंकों में सुबह से सायंकाल तक आम जनता को विभिन्न प्रकार के अपने निजी कार्यों के संदर्भ में जाना पड़ता है। क्या केंद्र सरकार की ऋण योजनाओं और प्रधानमंत्री के बैनरों से मतदाता प्रभावित नहीं होंगे। इसके अलावा सवाल यह उठता है कि नियमानुसार जब सार्वजनिक स्थानों के ऊपर से राज्य और केंद्र सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं के बैनर और पोस्टर हटा दिए गए हैं या हटाए जा रहे हैं तो क्या बैंक सार्वजनिक श्रेणी में नहीं आते हैं।
कांग्रेस के ज़िला अध्यक्ष बम्बर ठाकुर ने प्रशासन से की अपील की जिन स्थानों पर प्रधानमंत्री की स्कीमों के होर्डिंग लगे हुए है उन्हें जल्द हटाया जाए। बम्बर ठाकुर ने बताया कि ये सरेआम चुनाव आयोग के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है और बिलासपुर एसडीएम और चुनाव अधिकारियों को अवगत कराया गया है। लेकिन, फिर भी होर्डिंग नहीं हटाई जा रही है। जिसे प्रशासन की बड़ी गलती समझी जा सकती है।