हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में चल रहे ABVP-SFI के बवाल ने राजनीतिक रूप तो पहले ही ले लिया था। लेकिन अब इस पर दोनों पार्टियों को बड़े नेताओं ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं देना शुरू कर दी हैं। बुधवार को CPIM नेता संजय चौहान आरोप लगाते हुए कहा कि RSS और उससे जुड़े संगठन यूनिवर्सिटी में माहौल ख़राब करने की कोश़िश कर रहे हैं। इस तरह का माहौल बनाकर सरकार जनता को मुद्दों से भटकाने के प्रयास कर रही है।
मीडिया से बातचीत में कॉमरेड ने कहा कि जय राम ठाकुर सरकार में आरएसएस की दखलंदाजी किसी से छिपी नहीं है। विवि परिसर में झंडों डंडों के साथ आरएसएस की शाखा लगाना सरकार का सुनियोजित कार्यक्रम है। अब ये लोग विवि में गुंडागर्दी पर उतर आए है। शराब के नशे में दराट लेकर एबीवीपी के कार्यकर्ता गर्ल्स हॉस्टल में पहुंच जाते हैं। पुलिस एम्बुलेंस में इस कार्यकर्ता को ले जाती है दूसरे दिन निज़ी मुचलके पर छोड़ दिया जाता है।
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आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस छोटा सा मामला बताकर दराट और कुल्हाड़ी को कृषि उपकरण करार देकर आरएसएस के दबाव में काम करती नज़र आ रही है। मुख्यमंत्री भी इस तरह के दंगों में सलिंप्त लोगों को बचाने वाला बयान देते हैं। यहां पर जानबूझकर कर हिंसा का माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है, जो अलोकतांत्रिक है। शिक्षा विभाग में नियुक्तियों और भ्रष्टाचार के मसले को एसएफआई उठा रही थी और प्रदेश के शिक्षा मंत्री द्वारा बरती जा रही अनियमितताओं के खिलाफ आवाज़ उठा रही थी। इसी का नतीज़ा है कि आरएसएस के लोग हिंसा पर उतर आए है।