देश के पहले वोटर श्याम सरन नेगी के नाम को बीजेपी के कैंपेन(मैं भी चौकीदार) के साथ जोड़ना बीजेपी नेता को महंगा पड़ गया। चुनाव आयोग ने इस पर संज्ञान लेते हुए बीजेपी नेता को नोटिस जारी किया है। इसी के साथ आयोग ने श्याम सरन नेगी का बयान लिया है कि ये सब उनके कहने पर हुआ नहीं…??
लेकिन, 102 साल के श्याम सरन नेगी ने अपने बयान में नाम से छेड़छाड़ करने की बात से साफ़ इनकार किया है। नेगी जी ने लिखा है कि उन्होंने कभी भी किसी पार्टी को प्रचार के लिए अपने फोटो को इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी, साथ ही न किसी दल विशेष के पक्ष में कोई अपील की है। उनका ये बयान सोशल मीडिया के माध्यम से मिला है जिसे आप नीचे पढ़ सकते हैं…
दरअसल, वाक्या कुछ यूं हुआ कि मंडी के सुंदर नगर से एक बीजेपी नेता ने अपने ट्विटर हैंडल पर श्याम सरन नेगी का 'मैं भी चौकीदार' लिखा हुआ पोस्टर शेयर किया। इसी तरह जब ये फोटो प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचा तो उन्होंने पत्र के माध्यम से श्याम सरन नेगी से बात की। जब इस पर नेगी ने साफ़ कर दिया कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया और न ही करने को कहा है, तो चुनाव अधिकारी ने इस पर उचित कार्रवाई करने की बात कही है।
क्या ओच्छी राजनीति कर रहे बीजेपी नेता?
इन सब के बीच ये क़हना बिल्कुल भी ग़लत नहीं होगा कि बीजेपी नेता इतनी ओच्छी राजनीति पर उतर आए हैं कि एक बुजुर्ग और देश के जाने-माने चेहरों के नाम से भी छेड़छाड़ की जा रही है। वैसे ही सोशल मीडिया पर अभिनेताओं से लेकर खिलाड़ियों पर बीजेपी द्वारा राजनीतिकरण की बात हवा ख़ाती रहती है… लेकिन क्या अब उन लोगों से भी छेड़छाड़ की जाएगी जिनकी राजनीतिक से हटकर अपनी एक अलग नामी पहचान है।
(आगे ख़बर के लिए विज्ञापन के नीचे स्क्रॉल करें…)
1951 के बाद हर चुनाव में किया मतदान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्याम सरन नेगी का जन्म हिमाचल के कल्पा में 1917 में हुआ था। 1951 के बाद उन्होंने हर आम चुनावों में मतदान किया है और इस बार भी वे अपना मतदान करेंगे। नेगी जी ने 33 साल की उम्र में पहली दफ़ा मतदान किया था औऱ उन्हें देश के पहले वोटर कहा जाता है।