लोकसभा चुनाव 2019 के लिए हिमाचल कांग्रेस ने संसदीय क्षेत्र मंडी और शिमला से अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। कांग्रेस ने शिमला सीट से धनीराम शांडिल को अपने प्रत्यासी के रूप में उतारा है तो वहीं मंडी से उन्होंने पंडित सुखराम के पोते आश्रेय शर्मा को टिकट दिया है। टिकट मिलने पर समाचापर फर्स्ट ने आश्रेय शर्मा से बात की ।
आश्रेय शर्मा ने कहा कि पंडित सुखराम न सिर्फ मेरे दादा हैं बल्कि मेरे राजनीतिक गुरु भी हैं । दादा ना सिर्फ मेरे बल्कि मेरे जैसे बहुत से युवाओं के आदर्श हैं। मंडी लोकसभा में हज़ारों युवा मेरे जैसे हैं जो पंडित सुखराम को किसी न किसी रूप में उन्हें अपना गुरु मानते हैं । हम सब युवा उनको जीत के साथ गुरुदक्षिणा देंगे ।
पहले बीजेपी फिर कांग्रेस में जाकर टिकट लेने के सवाल पर आश्रेय ने कहा कि हमने हमेशा बीजेपी का पूरा साथ दिया । 1998 से लेकर अब तक जो भी बीजेपी की सरकार बनी है उसमें हमने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमारे इस दावे को कोई भी नेता चाहे वो जयराम ठाकुर हों या धूमल मना नहीं कर सकते। लेकिन अब जब हमने टिकट की मांग की तो बीजेपी के बयान आपत्तिजनक रहे हैं।
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आश्रेय शर्मा ने कहा कि युवा विशेष रूप से 18 से 35 साल के युवा हमेशा मंडी का भविष्य तय करते हैं । मंडी का इतिहास रहा है की हमेशा युवा चेहरे को ही तरजीह दी जाती है। वो चाहे आप किसी भी सांसद को देख लें , युवा ही हमेशा मंडी से जीता है । इस बार भी इतिहास दोहराया जाएगा। आप ये मान के चलो की जब पंडित जी और वीरभद्र सिंह एक साथ मंडी का प्रचार करने निकालेंगे तो उस समय ये कहना की बीजेपी टककर मैं है, मंडी के मतदाता को भी हजम नहीं होगा बेशक मुख्यमंत्री मंडी से हों।
मंडी सीट से बीजेपी उम्मीदवार रामस्वरुप शर्मा और मंडी राज्य के सीएम का गृह जिला है, इस फेक्टर को आप कैसे तोड़ेगें के जवाब में आश्रेय शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री मंडी से हैं लेकिन सरकार बनाने में हमारे परिवार की भूमिका महत्वपूर्ण रही थी और इसको लेकर हमें मंडी के लोगों को समझाने की जरूरत नहीं है । वहीं वर्तमान सांसद पर हमला बोलते हुए कहा कि सांसद का काम कैसा रहा है ये जनता बेहतर जानती है। संसद में उनकी कैसी परफॉरमेंस रही है ये मंडी की जनता जानती है और मंडी में उन्होंने 5 साल क्या किया इसको लेकर बीजेपी हाइकमान को भी मालूम है और यहि कारण था की टिकट को लेकर अंत तक संशय बना रहा।