हिमाचल प्रदेश में इस साल के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनाव में वीवीपीएटी मशीन का इस्तेमाल करेगा। हिमाचल प्रदेश पहला राज्य होगा जिसमें चुनाव पूरी तरह से वीवीपैट के जरिए किया जाएगा। दैनिक अखबार के मुताबिक चुनाव आयोग वीवीपैट स्लीप की गिनती के पक्ष में नहीं है। हालांकि आयोग ने इस साल के अंत में होने चुनावों को वीवीपैट के जरिए कराने का निश्चय किया है।
बता दें कि हाल में हुए यूपी चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद विपक्ष ने ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। जिसके बाद चुनाव आयोग ने वीवीपीएटी का इस्तेमाल करने की बात कही थी। विपक्षी पार्टियों के आरोपों के बाद आयोग ने ईवीएम चैलेंज दिया था, जिसमें अधिकतर पार्टियों ने किनारा कर लिया था। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम को लेकर दायर याचिका पर आयोग ने कहा था कि हमारी मशीनें पूरी तरह से हैक प्रूफ और विश्वसनीय है। और ये मशीनें अमेरिकी मशीनों से ज्यादा बेहतर है।
क्या है वीवीपीएटी मशीन
वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) एक तरह की मशीन होती है। इसे ईवीएम के साथ जोड़ा जाता है। जब कोई भी व्यक्ति ईवीएम का इस्तेमाल करते अपना वोट देता है तो इस मशीन में वह उस प्रत्याशी का नाम भी देख सकता है, जिसे उसने वोट दिया है। वीवीपीएटी मशीन के तहत वोटर विजुअली सात सेकंड तक यह देख सकेगा कि उसने जो वोट किया है क्या वह मत उसके इच्छानुसार उसके प्रत्याशी को मिला है या नहीं।