कुछ ही दिनों बाद हिमाचल में सभी सीटों पर मतदान होने जा रहा है। लेकिन, इसी बीच अभी से ही चुनावों को लेकर विरोध के स्वार उठना शुरू हो गए हैं। कांगड़ा जिला के सुलह से कुछ लोगों ने चुनावों का बहिष्कार करने की बात कही है। लोगों को कहना है कि यहां से बीजेपी के मंत्री विपिन परमार भी बने, लेकिन अभी तक उन्हें सड़कें नहीं मिली।
यहां तक कि लाहड़ू गांव के लोग कहते है कि जब तक यहां सड़कें नहीं बनी, तब तक यहां वोट मांगने नहीं आना। इस गांव में कुल 250 वोट हैं और वे सभी इस बात पर अड़े हैं। कुछ नए वोटर्स का कहना है कि जब वोट डालने के बाद भी नेता नहीं सुनते हैं तो उस वोट का क्या फ़ायदा।
ग़ौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में आज भी कई ऐसे गांव हैं जहां आज दिन तक सड़क बनी ही नहीं। आखिर सरकारें वादे करते-करते थकतीं नहीं और लोग उनके भरोसे में अपना काम-धाम वैसे ही चालू रखते हैं। 5 सालों के बाद जब ये चुनावी मेला लगता है तो इन लोगों की याद आती है, लेकिन उसके बाद सभी नेता अपने वादों को भूल जाते हैं।