मंडी जिला में इस बार फिर पूरे शराब ठेके नहीं बिक पाए हैं। जिला भर के 146 ठेकों की बिक्री नहीं हो सकी है। इन ठेकों की वैल्यू 70 करोड़ रुपए से ज्यादा है।
ऐसे में अब आबंटित नहीं हो पाने वाले ठेकों की नेगोसिएशन शिमला में होगी। अभी तक रिन्यू माध्यम से जितने ठेकों आबंटन हुआ है, उनकी वैल्यू 62 करोड़ 58 लाख 39 हजार, 946 रुपए है। इसके अलावा ड्राफ लाट्स से जिस एक यूनिट का आबंटन हुआ है, उसकी वैल्यू 87 लाख 54 हजार 715 रुपए है। यहा बता दें कि मंडी जिला में कुल 54 यूनिट के अंतर्गत 313 ठेके हैं। इसमें महज 54 यूनिट में से केवल 42 यूनिट आबंटित की जा सकी हैं, बाकि 12 यूनिट का आबंटन शिमला में गठित नेगोसिएशन कमेटी ही करेगी।
गौरतलब हो कि इस बार ठेकों का आंबटन नए सिरे से नहीं हो रहा था। इसमें पुराने शराब ठेकेदार को नवीनीकरण के आवेदन के साथ ही ठेके दिए जा रहे थे। जिला भर की 54 यूनिट्स में से लाइसेंस रिन्यू के लिए 41 यूनिट ही आगे आईं, जबकि बाकि 13 यूनिट्स के आबंटन के लिए ड्रा ऑफ लाट्स का माध्यम अपनाया गया। इसमें मात्र एक ही यूनिट की आबंटन ड्रा ऑफ लाट्स के माध्यम से हो सका है, जिन 12 यूनिट्यू का ड्रा ऑन लोट्स के माध्यम से आबंटन नहीं हो पाया है इनमें 146 ठेके हैं और इनकी कीमत 70 करोड़ 13 लाख 34 हजार, 140 रुपए है। इसलिए राजस्व के हिसाब से यह अहम यूनिट है।
अब इन यूनिट्स का फैसला शिमला में ही होगा और इसी से तय हो पाएगा कि वैल्यू के हिसाब से आबकरी एवं कराधान विभाग कितना राजस्व जुटा पाता है। यहां बता दें कि पिछले साल भी जिला की बड़ी यूनिट्स का आबंटन नहीं हो सका था। ऐसे में शिमला में ही नेगोसिएशन के बाद ही इन्हें आबंटित किया गया था।
13 करोड़ के मुनाफे का अनुमान
मंडी जोन के तहत आने वाले मंडी, कुल्लू, लाहुल, हमीरपुर व बिलासपुर जिला के ठेकों से करीब 13 करोड़ अधिक राजस्व इकट्ठा होने का अनुमान है। हालांकि यह सब अब कुछ दिन बाद ही साफ हो पाएगा कि असल में कितना मुनाफा होता है।