कांग्रेस का भ्यूली के विपाशा सदन में पांच अप्रैल को प्रस्तावित सम्मेलन अब नौ अप्रैल को होगा। जिला कांग्रेस कमेटी ने इसकी सूचना जारी कर दी है। लेकिन, इस सम्मेलन में शिरकत करने वाले संभावित नेताओं की लिस्ट में मंडी के 5 बार सांसद और 6 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके वीरभद्र सिंह का नाम नहीं होना चिंता का विषय है। ये बात विधायक विक्रमदित्य सिंह ने सोशल मीडिया में कांग्रेस के उस प्रेस नोट को लेकर किया है। जिसमें मंडी में 9 तारिख को होने वाले कांग्रेस के सम्मेलन की बात कही गई है।
मंडी हमेशा सियासत का गढ़ रहा है और एक बार फिर कांग्रेस के भीतर 2 परिवारों की साख दांव पर है और जब एक प्रेस नोट में लिखा जाता है शामिल होगा लेकिन मंडी से ऐसे परिवार का नाम ही गायब हो जाना खुद ही सियासत को हवा देता नज़र आ रहा है। इसको लेकर विधायक विक्रमदित्य सिंह नेसमाचार फर्स्ट से कहा कि ये कोई मतभेद जैसी बात नहीं है। लेकिन इतने बड़े चेहरे को इतनी आसानी से प्रेस नोट से गायब कर देना मुझे ठीक नहीं लगा। उन्होंने कहा हम पार्टी को जीतने के लिए साथ खड़े हैं और रहेंगे और साथ ही बेशक मैं मंडी जिला में लोकसभा का इंचार्ज भी हूँ और नहीं बुलाया जाने के बाद भी जाऊंगा । उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सशक्तऔर संगठीत करना हमारे परिवार का इतिहास रहा है जो हम भी आगे लेकर जाएंगे ही।
वहीं, आश्रय शर्मा मंडी लोकसभा के उमीदवार का कहना है की मेरे धयान मैं सारी बात अभी आई है और मैं इसको लेकर खुद वीरभद्र सिंह , प्रतिभा सिंह और विक्रमदित्य सिंह से बात करूँगा।
जिल्ला अध्यक्ष दीपक शर्मा ने कहा कि हमें उनके आने की कन्फर्मेशन नहीं हो पा रही थी इसलिए उनका नाम लिस्ट में नहीं दिया। विक्रमादित्य सिंह ने कहा की कन्फर्मेशन होना या ना होना अलग बात है लेकिन नाम नहीं होना बड़ी बात है और इसी का मुझे खेद है।