लोकसभा चुनावों की अधिसूचना जारी होने के बाद भी मंडी लोक निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर को मिली एक्शटेंशन से कांग्रेस उखड़ी गई है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता केशव नायक ने प्रदेश चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि जब चुनाव आयोग ही आचार संहिता का उल्लंघन कर रहा है तो फिर किस के आगे शिकायत की जाए।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग या तो प्रदेश सरकार के दबाब में आकर काम कर रहा है या फिर आयोग सरकारी तंत्र का भाग बनकर सरकार के आदेशों का पालन कर रहा है। जबकि चुनाव आयोग को चीफ इंजिनियर की एक्शटेंशन के मामले कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि बाकायदा शिकायत भी भेजी गई। मगर इसके बाबजूद भी नियमों को ताक पर रखकर चुनाव आयोग ने चीफ इंजीनियर की एक्शटेंशन पर मुहर लगाने में अहम भूमिका निभाई है।
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केशव ने कहा कि जिला की दो पंचयातों भौर और चांबी ने तो मुख्य चुनाव अधिकारी को चीफ इंजीनियर की एक्शटेंशन न देने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार यूं तो रिटायर्ड अधिकारियों को एक्शटेंशन देने के नाम पर विरोध करती है। मगर चीफ इंजीनियर की एक्शटेंशन के मामले में ऐसा क्या है कि सरकार इस अधिकारी से इतनी करीबी क्यों है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लाखों काबिल इंजीनियर रोजगार के लिए त्रस्त है।
वहीं हजारों इंजीनियर सरकार में कार्यरत कार्य निरीक्षक, जेई, एसडीओ, एक्सएन जिनकी पदोन्नति भी सवालों के घेरे में है। चीफ इंजिनियर की एक्शटेंशन से उन विशेष अधिकारियों की पदोन्नति का चैनल बंद हो जाता है जोकि अगले छह महीने में सेवानिवृत होने हैं। उन्होंने कहा कि इससे सरकार को लाखों रूपए का चुना लगेगा। सरकारी खजाने की भरपाई क्या चुनाव आयोग करेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चुनाव आयोग के निष्पक्षता से आहत होकर उच्च न्यायालय में चुनाव आयोग के खिलाफ याचिका दायर करेगी।