पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। सुक्खू ने यहां जारी बयान में कहा कि मोदी सरकार ने संवैधानिक संस्थाओं को अपनी कठपुतली बना लिया है। चुनाव आयोग के आदेशों को भी मोदी सरकार मानने को तैयार नहीं है।
आयोग के आदेशों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। आयोग ने सेना और बालाकोट एयर स्ट्राइक के नाम पर राजनीति न करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे, बावजूद इसके पीएम नरेंद्र मोदी खुलेआम सेना का राजनीतिकरण युवाओं से वोट मांग रहे हैं। सुक्खू ने कहा कि 66 पूर्व नौकरशाहों ने भी राष्ट्रपति को पत्र लिखकर चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता चुनाव जीतने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं और चुनाव आयोग मूकदर्शक बना हुआ है। इसे कांग्रेस कतई स्वीकार करने वाली नहीं है।
सुक्खू ने कहा कि ये बेहद गंभीर विषय है। इस पर राष्ट्रपति को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए। चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर ही अगर आम जनमानस को विश्वास नहीं रहेगा तो ऐसी संवैधानिक संस्थाएं औचित्यहीन हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में कोई संवैधानिक संस्था नहीं छोड़ी, जिसे कमजोर करने का काम न किया हो। सुप्रीम कोर्ट को चुनाव आयोग को लोकसभा चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से कराने के लिए आदेश देने पड़ रहे हैं।
सुक्खू ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का स्वागत किया है, जिसमें न्यायालय ने पांच ईवीएम और वीवीपैट मशीनों का औचक मिलान कराने का आदेश सुनाया है। सुखविंद्र सिंह सुक्खू का कहना है कि चुनाव आयोग को आंखें मूंदकर बैठने के बजाए आदेशों का उल्लंघन करने वाले नेताओं पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। चाहे वे पीएम, राज्यपाल, सीएम या कोई और बड़ा नेता ही क्यों न हो। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता चुनाव जीतने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं और चुनाव आयोग मूकदर्शक बना हुआ है। इसे कांग्रेस कतई स्वीकार करने वाली नहीं है।