कांगड़ा-चंबा के बीजेपी प्रत्याशी किशन कपूर ने शुक्रवार को धर्मशाला में पत्रकार वार्ता की। उन्होंने वार्ता के दौरान हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस नेताओं पर हमला बोलते हुए इस बात को प्रदेश की जनता के समक्ष स्पष्ट करने को कहा है कि उन्होंने किस मकसद के साथ आर्म फोर्स स्पेशल प्रोटेक्शन एक्ट (AFSPA) को अपने चुनावी घोषणा पत्र में खत्म करने की बात कही है।
किशन कपूर ने कहा कि इस एक्ट को सन् 1958 में देश के तत्कालीन प्रधान मंत्री पं. ज्वाहर लाल नेहरु ने नार्थ ईस्ट में उग्रवाद के चलते आर्म फोर्स स्पेशल प्रौटेक्शन एक्ट को यहां लागू किया था और जब पंजाब में उग्रवाद फैला तो इस एक्ट को वहां पर भी लागू किया गया। उन्होंने कहा 1990 में जब जम्मू-कश्मीर में आंतकवादी हमले लगातर होने लगे और आंतकवादियों ने जम्मू-कश्मीर से कश्मीरी पंडितों को वहां से भगाना शुरु किया तो तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए जम्मू-कश्मीर में भी आर्म फोर्स स्पेशल प्रौटेक्शन एक्ट को लागू कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इस लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इसको शामिल किया है और कहा है कि कांग्रेस पार्टी अगर सत्ता में आई तो इस एकट को खत्म करेंगे।
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस और इसके नेता यह स्पष्ट करें कि इस मुद्दे को लेकर उनका दृष्टिकोण क्या है? यह जानना भी अतिआवश्यक है कि प्रदेश के मुख्य विपक्षी पार्टी इस बारे में क्या सोच रखती है? कपूर ने कहा कि आंतकवाद के चलते हिमाचल प्रदेश ही एक मात्र ऐसा प्रदेश है जो आंतकवाद के इस काल में सबसे ज्यादा प्रभावित है, क्योंकि हर महीने प्रदेश के किसी न किसी हिस्से में हिमाचल के वीर सैनिकों का शव पहुंचता है। वहीं प्रदेश के अधिकतर युवा पैरामिल्ट्री फोर्स और अन्य आर्म रायफल में भर्ती होकर देश की सेवा कर रहे हैं साथ ही प्रदेश में अधिकतर लोग एक्स सर्विस मैन भी हैं।
किशन कपूर ने कहा कि क्या कांग्रेस अलगावादी नेताओं का समर्थन करती है? क्या कांग्रेस पार्टी इस हक में है कि कश्मीर के भीतर सेना और सुरक्षा बलों के उपर उग्रवाद को संरक्षण देने के लिए पत्थरबाजों के साथ है? क्या कांग्रेस पार्टी इस हक में है कि सेना के जवानों को अपनी आत्मरक्षा और कश्मीरी लोगों की रक्षा करने का कोई हक नहीं है? उन्होंने कहा कि कांग्रेस का दोमुहुआ चेहरा जनता के सामने आ चुका है। कपूर ने कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र में एक ही बात सामने आती है कि आर्म फोर्स स्पेशल प्रौटेक्शन एक्ट हटाकर केवल उग्रवाद, अलगावादी और पत्थरवाजों और देश के टुकड़े-टुकड़े गैंग के मानवाधिकारों का सरक्षण करना चाहती है। वहीं कांग्रेस की प्राथमिकता में देश और प्रदेश नहीं है।