नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मंडी में सुखराम प्रकरण से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर दहशत में आ गए हैं और गुरुर में बातें करने लगे हैं। मुख्यमंत्री को समझना चाहिए कि राजनीति में विरोध तो हो सकता है, लेकिन रिश्ते दुश्मनी तक ना पहुंचे इसका ख्याल रखना चाहिए। शुक्रवार को जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि अनिल शर्मा के इस्तीफे से साफ हो गया है कि आने वाले समय में जयराम सरकार की मुश्किल और बढ़ेगी। क्योंकि यह तो शुरुआत है अभी और असंतोष की कतार बीजेपी में लंबी है। अनिल शर्मा के इस्तीफे से बीजेपी सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है।
अग्निहोत्री ने कहा कि सवा साल के दौरान ही जयराम सरकार के मंत्रीमंडल की एक विकट गिर गई है । मुख्यमंत्री अपने कुनबे को संभाल कर नहीं रख पाए हैं यह सिर्फ और सिर्फ मुख्यमंत्री की नाकामी है। उन्होंने कहा कि अनिल शर्मा के इस्तीफे से यह संकेत मिल गए हैं कि सरकार के अंदर कलह है और असंतोष का पर्दाफाश होने लगा है। मुकेश ने कहा की मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि वह अहंकारी नहीं हैं लेकिन गत कुछ समय से उनकी भाषा में गरूर झलक रहा है, जिससे लगता है कि जख्म कुछ गहरा हो गया है ।
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उन्होंने कहा कि पंडित सुखराम के विरुद्ध बोलने वाली बीजेपी और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर उन दिनों को याद करें जब पहली बार सुखराम की वेसाखिओं के सहारे प्रदेश में बीजेपी ने सरकार बनाई थी और हाल ही में विधानसभा चुनावों से पहले सुखराम परिवार को बीजेपी में शामिल कर इसे मास्टर स्ट्रोक बताया था। उन्होंने कहा कि सत्ता का सुख सुखराम से भोगने के समय तो पंडित जी प्रिय थे और अब कड़वे लगने लगे हैं। यहां बीजेपी की कथनी और करनी में फर्क है। उन्होंने कहा कि पंडित सुखराम के कारण मंडी में जो समर्थन बीजेपी को मिला है, आज यदि बीजेपी इसे नकार रही है तो आने वाले दिनों में बीजेपी को इसकी असलियत पता चल जाएगी। मुकेश ने कहा कि कांग्रेस का बीजेपी और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को फिर एक बार सुझाव है कि चुनाव को मुद्दों पर लड़ा जाए ताकि जनता के हितों की बात की जा सके ।