हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांगड़ा-चम्बा से वर्तमान लोकसभा सदस्य शांता कुमार ने बड़े दुख से कहा कि सुखराम जैसे हिमाचल के पुराने और प्रमुख नेता अहंकार की ऐसी बात कर रहे हैं जो कभी किसी नेता ने नहीं कही होगी। उनकी यह गलतफहमी 23 मई को दूर हो जाएगी कि उन्हीं के कारण इस बार बीजेपी को 43 सीटें मिली थीं। शांता कुमार ने सुखराम से पूछा है कि मंडी के अलावा पूरे हिमाचल में बीजेपी को शानदार जीत मिली थी वहां पर भी सुखराम थे क्या? शांता कुमार ने यह भी बताया है कि उनसे पहले भी एक बार नहीं कई बार प्रदेश में बीजेपी की सरकारें बनी हैं।
उन्होंने यह भी कहा है कि 5 बार परिवार सहित दल बदल करके हिमाचल को बदनाम करने वाले सुखराम बीजेपी को क्या रोद्र रूप दिखायेंगे मंडी की जनता ही 23 मई को उन्हें रूप दिखायेगी। उनके पुत्र अनिल शर्मा मंत्री नहीं रहेंगे और दल बदल कानून के अन्तर्गत विधान सभा सदस्य भी नहीं रहेंगे। हालांकि अनिल शर्मा को बीजेपी से निकालने पर सुखराम रोद्र रूप दिखा सकते हैं क्योंकि यह सुखराम परिवार का अपने प्रति ही एक उपहास है।
उन्होंने आश्रय शर्मा पर बात करते हुए कहा कि उनके पौत्र आश्रय पूरी तरह से हारेंगे तब सुखराम को पता लगेगा कि वे कहां खड़े हैं। हालांकि उन्हें दुख है कि उनके एक प्रमुख नेता सुखराम जीवन के अन्तिम मोड़ पर परिवार मोह के कारण इस प्रकार भ्रमित हुए हैं।