BJP की वरिष्ठ नेता रहे विद्यासागर के निधन पर सांसद शांता कुमार ने शोक व्यक्त किया है। एक पुराना किस्सा सुनाते हुए शांता ने कहा कि विद्या सागर से मेरा संबंध उस समय प्रारम्भ हुआ जब वे एक सरकारी कर्मचारी के रूप में पालमपुर में काम करते थे। मैं पहला चुनाव हार कर वकालत छोड़ कर पालमपुर बाजार में एक प्रिटिंग प्रेस चलाता था। हिमाचल के सरकारी कर्मचारियों ने पंजाब वेतनमान प्राप्त करने के लिए एक ऐतिहासिक आन्दोलन शुरू किया था।
हमारी पार्टी उसका सर्मथन कर रही थी। विद्या सागर प्रदेश के एक प्रमुख कर्मचारी नेता के रूप में आन्दोलन का नेतृत्व कर रहे थे। मैं उन दिनों एक साप्ताहिक पत्रिका हिम प्रदीप निकालता था। वे मेरे पास आते थे। मेरी पत्रिका में उनके समाचार छपते थे। उनसे मेरा परिचय मित्रता में बदला और वे फिर हमारी पार्टी में शामिल हुए।
शांता कुमार ने कहा कि वे एक बार उनकी हार पर बहुत अधिक दुखी हुए थे। मेरे लिए अपनी सीट खाली करने का प्रस्ताव लेकर मेरे पास आये थे। उनके अत्यंत दुखी होने पर मैं बहुत हैरान हुआ था और मैंने कहा था अपनी हार पर मैं बिलकुल दुखी नहीं हूं परन्तु आप इतना दुख क्यों मना रहे हो। मेरे प्रति उनकी मित्रता का यह प्रमाण था।