चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद जिला ऊना में अब तक अवैध शराब काफी मात्रा में बरामद की जा चुकी है। 10 मार्च 2019 को लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से 29 अप्रैल 2019 तक कुल 12,104 अवैध शराब की बोतलें बरामद की गई हैं। इसके अलावा 1738 बोतलें बीयर की भी ज़ब्त की गई हैं।
इस बारे में जानकारी देते हुए राज्य कर एवं आबकारी उपायुक्त ऊना प्रदीप शर्मा ने बताया कि आबकारी एवं कराधान की टीमों ने 118 छापे मारकर 2587 बोतलें देसी शराब, 2785 बोतलें अंग्रेज़ी शराब व 1728 बोतलें अवैध बीयर की जब्त की हैं। इसके अलावा उड़नदस्तों ने भी 2280 देसी शराब, 4362 बोतलें अंग्रेज़ी शराब व 10 बोतलें बीयर की बरामद की हैं। पुलिस अधीक्षक दिवाकर शर्मा ने बताया कि विभिन्न नाकों में शराब के अलावा नशे का दूसरा सामान भी ज़ब्त किया गया है। अलग-अलग उड़नदस्तों ने 270.72 ग्राम चरस, 26.185 ग्राम चिट्टा यानी हेरोइन, 63.065 ग्राम भांग, 189.50 ग्राम भुक्की व 16 नशे के कैप्सूल बरामद करने में भी कामयाबी हासिल की है।
निष्पक्ष चुनाव कराने को प्रतिबद्धः डीसी
जिला निर्वाचन अधिकारी व उपायुक्त राकेश कुमार प्रजापति ने कहा कि लोकसभा चुनाव निष्पक्ष व शांतिपूर्ण ढंग से कराने को निर्वाचन आयोग पूरी तरह प्रतिबद्ध है। चुनाव में धन बल व शराब के प्रयोग को रोकने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। 22 अप्रैल से स्टैटिक सर्विलांस टीमों ने भी कामकाज शुरू कर दिया है और जगह-जगह नाके लगाए जा रहे हैं। असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी मतदाताओं से बिना किसी भय या प्रलोभन के अपना मताधिकार इस्तेमाल करने की अपील की। साथ ही उन्होंने कहा कि सभी मतदाता 19 मई को अपना वोट अवश्य डालें।
प्रलोभन या धमकाना दंडनीय अपराध
उपायुक्त ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान नकद या किसी प्रकार के प्रलोभन में मतदान करना दंडनीय अपराध है। इसके अलावा किसी भी मतदाता को धमकाना या चोट पहुंचाना भी भारतीय दंड संहिता की धारा 171-बी व 171-सी के तहत दंडनीय अपराध माना गया है। दोषी पाए जाने पर व्यक्ति को एक वर्ष का कारावास या जुर्माना या फिर दोनों सज़ाएं हो सकती हैं।