किसान संघर्ष समिति के प्रयासों से जुब्बल थाना में दोषी आढ़तियों के विरुद्ध दी गई शिकायत पर FIR दर्ज कर दी गई है। गत 26 अप्रैल को 5 बागवानों के द्वारा जुब्बल थाना में शिकायत दी गई थी जिस पर जुब्बल पुलिस ने प्रारंभिक अन्वेषण कर 7 मई को दोषी आढ़ती के विरुद्ध मुकदमा दायर कर दिया है।
बागवानों ने जुब्बल थाना में शिकायत दी गई थी कि Field Crop Fruit and Vegetable कमीशन एजेंट के द्वारा गांव बढाल, तहसील जुब्बल, ज़िला शिमला में वर्ष 2018 में सेब का कारोबार किया और उपरोक्त्त बागवानों ने करीब 24,48,541 रुपये की कीमत का सेब इस आढ़ती को दिया। लगभग एक वर्ष बीतने के पश्चात भी आढ़ती बागवानों का देय बकाया भुगतान नहीं कर रहा है, और पैसा मांगने पर डराता धमकाता और जान से मारने की धमकी देता है। गौरतलब है कि अभी इस आढ़ती ने इसी गांव में अन्य बागवानों का भी लाखों रुपये के सेब का बकाया भुगतान करना है।
प्रदेश में विभिन्न मण्डियों में हजारों किसानों और बागवानों का सैंकड़ों करोड़ रुपए का बकाया भुगतान अभी कई आढ़तियों ने करना है। किसान व बागवान अपने निजी प्रयासों से कुछ शिकायतों के माध्यम से दोषी आढ़तियों के विरुद्ध FIR करने में सफल हुए हैं। कई स्थानों पर पुलिस भी दोषी आढ़तियों के विरुद्ध कार्यवाही करने में पीड़ित बागवानों का सहयोग नहीं कर रही हैं।
हाईकोर्ट के द्वारा भी इन मामलों में कड़ा संज्ञान लेने के बावजूद भी सरकार, मार्किटिंग बोर्ड और एपीएमसी किसानों और बागवानों के बकाया भुगतान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही हैं। सरकार ने भी विधानसभा में आश्वासन दिया था कि किसानों व बागवानों का बकाया भुगतान शीघ्र करने के लिए कदम उठाये जाएंगे। परन्तु इसके भी अभी तक कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आए हैं। सैंकड़ों बागवानों ने एपीएमसी व मार्केटिंग बोर्ड के पास दोषी आढ़तियों के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवा रखी है। परन्तु इनके द्वारा अभी तक कोई भी उचित कार्यवाही नहीं की गई है।
किसान संघर्ष समिति मांग करती है कि सरकार दोषी आढ़तियों के विरुद्ध तुरंत कार्यवाही कर प्रभावित किसानों व बागवानों का बकाया भुगतान तुरंत करवाया जाए तथा ए पी एम सी व मार्केटिंग बोर्ड को तुरंत दिशानिर्देश जारी करे कि ए पी एम सी अधिनियम, 2005 को प्रदेश मे तुरंत लागू करें। यदि सरकार समय रहते इन दोषी आढ़तियों के विरुद्ध कोई ठोस कार्यवाही अमल में नहीं लाती तथा प्रदेश की मण्डियों में एपीएमसी अधिनियम, 2005 को लागू नहीं करती तो किसान संघर्ष समिति किसानों व बागवानों को लामबंद कर आंदोलन करेंगी।