सैम पित्रोदा ने गुरुवार को जारी उनके बयान पर माफी मांगी है। पित्रोदा ने कहा कि 1984 की घटना दुखद है और उसको लेकर मैं खेद भी जता चुका हूं। हिंदी खराब होने की वजह से मेरे बयान को मीडिया में गलत तरीके से पेश किया गया जिसकी वजह से यह पूरा विवाद पैदा हुआ है। जब यह बयान दिया गया उसके बाद वे अपनी धर्म पत्नी के साथ अमृतसर स्वर्ण मंदिर में माथा टेकने भी गए हैं।
उन्होंने कहा कि वे किसी धर्म विशेष के पक्ष में या खिलाफत में नहीं हूं और उन्हें जानने वाले लोग जरूर यह समझते हैं कि वे किस व्यक्तित्व के इंसान है।पित्रोदा ने कहा कि वे पूरे जीवन में भारत को आगे ले जाने के लिए काम करते रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी पर अपने हमले को जारी रखते हुए शिमला में भी पित्रोदा ने प्रधानमंत्री पर एक बार फिर झूठ बोल कर देश को गुमराह करने के आरोप लगाए और कहा कि देश मोदी की वजह से नहीं बल्कि राजीव गांधी के प्रयासों से आगे बढ़ा है।
याद रह कि गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा ने सिख दंगो लेकर कहा था कि जो हो गया सो गया… अब पुरानी बातों क्यों घसीट रहे हो।