आज भारतीय महिलाओं के लिए एक खास दिन है क्योंकि आज साइंस में डॉक्टरेट हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला आशिमा चटर्जी का 100वां जन्मदिन है।
गूगल ने अपने डूडल के जरिए डॉ. चटर्जी के 100वें जन्मदिन पर याद किया है। रसायनशास्त्री चटर्जी को ऑर्गेनिक केमेस्ट्री और फाइटोमेडिसिन यानी पौधों की बीमारियों का विज्ञान, में उनके योगदान के लिए जाना जाता है।
आशिमा चटर्जी का जन्म 23 सितंबर, 1917 को बंगाल में हुआ था। चटर्जी ने 1938 में कलकत्ता यूनिवर्सिटी से एम.एससी की डिग्री और 1944 में डॉक्टरेट की उपाधि ली। वो पूरे भारत में साइंस में डॉक्टरेट बनने वाली पहली महिला बनीं। 1954 में इसी यूनिवर्सिटी में वो केमेस्ट्री डिपार्टमेंट में रीडर बन गईं।
उन्होंने एंटी-एपिलेप्टिक यानी मिर्गी रोकने वाली दवा आयुष-50 बनाई। साथ ही उन्होंने मलेरिया-रोधी दवाइयां भी बनाईं। उन्होंने मेडिकल केमेस्ट्री, एनालिटिकल केमेस्ट्री और मेकानिस्टिक ऑर्गेनिक केमेस्ट्री में अपार सफलता हासिल की।
उन्हें 1975 में भारत सरकार की ओर से पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। वो सन 1982 से 1990 तक राज्यसभा की सदस्य भी रहीं। वो 1975 में इंडियन साइंस कांग्रेस की महाअध्यक्ष बनने वाली पहली महिला थीं।