हिमाचल विधानसभा चुनाव का डंका बज चुका है। ऐसे में तीन अक्टूबर को एम्स के शिलान्यास भी हो रहा है, साथ ही सीबीआई भी 11 को हाइकोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर देगी। ये हम नहीं कह रहे बल्कि राजनीतिक गलियारों में इसकी खूब चर्चा हो रही है।
राजनीति के जानकारों का कहना है कि पिछले तीन साल से कोई न कोई बहाना बनाकर हिमाचल में एम्स का शिलान्यास लटकता रहा है। लेकिन, चुनावी दिनों में अचानक एम्स के शिलान्यास का रास्ता साफ हो गया। इसके पीछे राजनीतिक लाभ लेने की मंशा है या प्रदेश के हित है ये बात जनता बखूबी समझती है।
राजनीतिक जानकार तो कोटखाई गुड़िया रेप मर्डर मामले को लेकर सीबीआई की जांच को भी सवालों के घेरे में खड़ा कर रहे हैं। क्योंकि, पिछले दो माह से सीबीआई मामले की जांच में जुटी है, जिसकी जांच धीमी गति से चल रही है। अब सीबीआई को 11 अक्टूबर को स्टेटस रिपोर्ट सौंप रही है। यदि सच में 11 अक्टूबर को सीबीआई स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करती है, तो सवाल खड़े होना लाज़मी है?
गौरतलब है कि एम्स को लेकर खूब सियासत हो रही थी। इसको लेकर बीजेपी कांग्रेस आमने-सामने थीं, दोनों पार्टियों को नेता एक दूसरे पर इसके निर्माण में देरी होने और राजनीति करने का आरोप लगा रहे थे। लेकिन, विधानसभा चुनाव का डंका बजते ही सब एम्स के रास्ते में आने वाली सारी अड़चनें खत्म हो गईं और इसके शिलान्यास की तैयारियां शुरू हो गईं।