कर्मचारियों और विभिन्न सरकारी संगठनों के बाद पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने भी सचिवालय में बैठे अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि सचिवालय में बैठे अधिकारी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के आदेशों पर अमल नहीं करते हैं।
पेंशनरों कि मुख्य मांग है कि 5,10,15 प्रतिशत पेंशन भत्ते को अतिरिक्त पेंशन में बदलने को लेकर मुख्यमंत्री ने 20.12.2016 को लिखित रूप में आदेश वित्त विभाग को भेज दिया था, लेकिन इन आदेशों का सचिवालय में बैठे अधिकारियों ने अभी तक अनुपालन नहीं किया है। अधिकारियों की लापरवाही के कारण पिछले दस महिनों से ये मामला लटका हुआ है।
एसोसिएशन के प्रधान एच आर वशिष्ठ ने नाराज़गी जाहिर करते हुए बताया कि पेंशनरों का प्रदेश के विकास में अहम योगदान रहा है। लेकिन उनकी मांगों का मुख्यमंत्री के आदेशों के बाबजूद पालन न करना उनकी वृद्धावस्था का उपहास करना है। पेंशनरों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगे ना मानी गई तो विस चुनावों में 1:50 लाख पेंशनरों की नाराजगी झेलनी पड़ेगी।