हिमाचल में बीजेपी ने चारों संसदीय सीटें फ़तह कर ली है। इन चारों में शिमला और कांगड़ा कैंडिडेट ने पहली दफ़ा लोकसभा क्षेत्र में जीत दर्ज की है। हालांकि, कांगड़ा से प्रत्याशी किशन कपूर पहले भी बीजेपी सरकार में नामी चेहरा रहे हैं, लेकिन शिमला से बीजेपी प्रत्याशी सुरेश कश्यप ने कम ही समय में अपना नाम बनाया औऱ उसके बाद पार्टी ने उनपर भरोसा जताकर उन्हें संसद भेजा। आइये जानते उनके जीवन से जुड़ी कुछ ख़ास बातें…
जन्मदिन के अवसर पर दिया टिकट-
23 मार्च 1971 को पच्छाद के पपलाहा गांव में जन्में सुरेश कश्यप परिवार की सादगी और उच्चशिक्षा ही वजह है कि इस समय बीजेपी का आलाकमान शिमला संसदीय सीट से सुरेश कश्यप को टिकट मिला। खास बात यह है कि शिमला सीट से बीजेपी ने कश्यप को जन्मदिन के अवसर पर ही टिकट दिया था।
10 मई 1997 को रजनी कश्यप से परिणय सूत्र में बंधे सुरेश कश्यप एक बेटे के पिता हैं, जो बीटेक की पढ़ाई कर रहा है। एयरफोर्स में सेवाएं देने के बाद सुरेश कश्यप बीजेपी से जुडे़। पच्छाद बीडीसी में 2005-10 तक सदस्य के तौर पर अपनी एक अलग पहचान बना ली। 2006 से 2009 तक भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष पद पर रहकर पार्टी संगठन के लिए पूरी शिदद्त से काम किया।
संसद का सफ़र से किया कद बड़ा-
पार्टी में सुरेश कश्यप का कद इस कारण भी बढ़ा, क्योंकि कांग्रेस के अभेद किले में सेंध लगाने में सफल रहे थे। पच्छाद बीजेपी मंडल के अध्यक्ष रहने के दौरान भी सुरेश कश्यप ने पार्टी संगठन को खूब मजबूती प्रदान करवाने में सफलता हासिल की। यह भी कारण रहा कि कांग्रेस के गढ़ में बीजेपी इस वक्त पूरी तरह से सशक्त है। अब में संसद जाने क
सुरेश कश्यप की शिक्षा-
पच्छाद से दो मर्तबा विधायक बन चुके सुरेश कश्यप ने लोक प्रशासन में एमफिल की है। अंग्रेजी और टूरिज्म स्टडी में पोस्ट ग्रैजुएशन भी की है। इसके अलावा लोक संपर्क और संचार प्रबंधन में डिप्लोमा भी हासिल है। यही नहीं, बीएड की डिग्री भी हासिल की हुई है। भारतीय वायुसेना में 22 अप्रैल 1988 को अपनी सेवाएं शुरू की थी। 16 साल 3 महीने की सेवा के बाद सीनियर नॉन कमीशंड ऑफिसर (एसएनसीओ) के पद से रिटायर हुए।
विधानसभा की उपलब्धियां…
अपने निर्वाचन क्षेत्र की मांगों को विधानसभा में उठाने को लेकर सुरेश कश्यप माहिर हैं। 2017 में पुनः निर्वाचित होने के बाद सुरेश कश्यप को सामान्य विकास समिति का चेयरमैन भी बनाया गया है। इसके अलावा कल्याण व आचार समिति के विधानसभा में सदस्य भी हैं।
किताबे पढ़ना और घूमने का शौक रखते हैं-
सुरेश कश्यप का कहना है कि खाली वक्त में रीडिंग और टूरिज्म के अलावा ट्रैवेलिंग उनका खास शौक हैं। सुरेश कश्यप को हिन्दी और अंग्रेजी भाषा का ज्ञान भी है।