लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को हिमाचल में मिली हार के बाद कोई भी कांग्रेस नेता कुछ बोलने के तैयार नहीं है। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे औऱ विधायक विक्रमादित्य सिंह का बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर को बधाई देना चर्चा का विषय बना गया। विक्रमादित्य ने सोशल मीडिया के जरिये अनुराग ठाकुर को मंत्री पद बनने की बधाई दे डाली, जबकि अभी तक उनके मंत्री बनने की कोई ख़बर नहीं है। मंत्री बनने के लिए कॉल आने से कुछ घंटे पहले ही उन्होंने अनुराग को बधाई दे दी।
यहां तक उनके इस बयान की कांग्रेस के कार्यकर्ताओं भी भारी रोष देखने को मिल रहा है। बूथ स्तर की बात की जाए तो कांग्रेस कार्यकर्ता पार्टी की जीत के लिए लड़-मर रहे हैं और उच्च ओहदे पर बैठे नेता की जुबां पल में बदल जा रही है। उनका अनुराग ठाकुर को बधाई देना इसलिए भी ख़ास माना जा रहा है कि क्योंकि वे हमीरपुर से सांसद चुने गए हैं और यहां से हमेशा वीरभद्र परिवार का सुक्खू और धूमल के चलते 36 का आंकड़ा रहा है।
चर्चा तो ये भी कि जिस वीरभद्र सिंह अपने नेताओं को कोस कर दूसरी पार्टी के मुख्यमंत्री और नेताओं की तारीफ़ करते रहते हैं वैसे ही विक्रमादित्य कर रह हैं। इससे पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल तो ग़िरता ही है, साथ ही साथ एक नेताओं के अंदाज का भी पता चलता है कि वे किस सिच्वेशन में क्या बयानबाजी़ कर रहा है।
वहीं, चुनावी हार के बाद कोई भी नेता हार की जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं और एक दूसरे पर बात टाली जा रही है। कांग्रेस के वही नेता अपनी बातों से मुकरते नज़र आ रहे हैं जो चुनावों से पहले बड़ी बड़ी बातें करते नहीं थक रहे थे। लेकिन अब नेताओं ने अपना डाम-डोल बदल लिया है जो कार्यकर्ताओं के लिए परेशानी का कारण जान पड़ रहा है।