गर्मियों के दिनों में पर्यटक हिमाचल का रुख करते हैं।क्वीन ऑफ द हिल्स शिमला के तापमान में लगातार बढ़ौतरी होती जा रही है। वहीं भीषण गर्मी पड़ने से पर्यटन स्थल कसौली का तापमान भी 37 डिग्री तक पहुंच गया है। मैदानी क्षेत्रों से गर्मी से राहत पाने के लिए सैलानियों का कसौली पहुंचना जारी है।
भीड़ के चलते कसौली पर्यटन स्थल में पीने के पानी की भारी कमी होती जा रही है। यहां के होटल व्यवसायियों को पीने का पानी टैंकरों से मंगवाना पड़ रहा है। जानकारी के मुताबिक प्रति टैंकर तीन हजार रुपए वसूल किया जा रहा है। जिसके चलते होटल व्यवसायिओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि कसौली पर्यटन स्थल में रहने वालों का मुख्य व्यवसाय होटलों पर निर्भर करता है।
छावनी बोर्ड द्वारा की जा रही पानी की सप्लाई पर्याप्त नहीं है। कसौली में अन्य स्थानीय लोग भी पीने के पानी के लिए हमेशा परेशान रहते हैं। कसौली में गर्मी के मौसम में पानी की खपत अधिक बढ़ जाती है। इसके चलते अधिकांश पर्यटक यहां रूकना तो चाहते हैं लेकिन पानी कमी के कारण वापस चले जाते हैं, जिससे यहां के होटल व्यवसायों को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
कसौली प्रदेश का पहला एकमात्र ऐसा क्षेत्र है जहां पर अपनी स्वतंत्र कोई पेयजल योजना नहीं बनी हुई है। कसौली के समाजसेवी व वरिष्ठ नागरिक कृष्णामूर्ति का कहना है कि वे प्रदेश सरकार से भी प्रयास कर रहे हैं ताकि कसौली को अलग से पर्यटन स्थल के लिए पेयजल योजना मिल सके। उन्होंने यहां के लोगों से भी आग्रह किया कि पानी का इस्तेमाल जरूरत के अनुसार ही करें।