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तंबाकू से होने बाले दुष्परिणामों के बारे में रैली निकालकर लोगों को किया जागरूक

सुनील ठाकुर, बिलासपुर |

विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर स्वास्थय एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा डीएवी स्कूल बिलासपुर में जिला स्तरीय विश्व तंबाकू निषेध जागरुकता दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. प्रकाश चन्द दरोच ने की। इस मौके पर परिधि गृह से कालेज चौक तक जागरूकता रैली भी निकाली गई। रैली को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रकाश चन्द दरोच तथा जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. परमिदर सिंह ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि इस साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम तम्बाकू एवं फेफड़े का स्वास्थ्य पर मनाया जा रहा है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य तंबाकू निषेध कार्यक्रम के आयोजन के माध्यम से तम्बाकू उत्पादों के सेवन से होने वाले स्वास्थ्य नुकसान के बारे में जन मानस को जागरूक करना है। तंबाकू आज के दौर में किसी न किसी रूप में जीवनशैली का अंग बनता जा रहा है और लोग इसके दुष्परिणामों को जानते हुए भी इसका सेवन कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से तंबाकू सेवन के दुष्परिणामों और इसके सेवन से होने वाले गंभीर रोगों के बारे में आम लोगों को जागरूक किया जा रहा है। तंबाकू एवं फेफडों का स्वास्थ्य पर चर्चा करते हुए बताया कि तंबाकू स्वास्थय के लिए हानिकारक है। इसके सेवन से लोगों को बचाने के लिए 1988 से लगातार प्रतिवर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। तंबाकू में लगभग चार हजार प्रकार के हानिकारक तत्व पाए जाते हैं। इनमें से पचास के अधिक कैंसर कारक है। तंबाकू में पाए जाने वाले निकोटीन और टार अत्यंत हानिकारक हैं, जो कि नशे का कारण बनते है।

उन्होंने बताया कि हिमाचल में 12.6 प्रतिशत लोग बीड़ी का सेवन करते हैं। विश्व के 80 लाख लोग प्रतिवर्ष तंबाकू के सेवन से अपनी जान गवां देते हैं। जिसमें से 70 लाख लोग धुम्रपान का सेवन व एक लाख बीस हजार स्मोकिंग करने से जान गवां देते हैं। धुम्रपान करने वालों में 80 प्रतिशत भाग गरीब व मध्यम वर्ग के लोग हैं। लोगों की जागरुकता तथा सिगरेट व तंबाकू उत्पाद अधिनियम और राष्ट्रीय तंबाकू अधिनियम के कारण हिमाचल में धुम्रपान करने वालों की 5 प्रतिशत कमी आई है।