आज-कल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अक्सर लोग हर काम जल्दबाजी में करते दिखाई देते हैं। जल्दबाजी के चलते न तो लोग सही समय पर खाते हैं और न ही सही से खाते हैं। वहीं शरीर के लिए जरूरी व्यायाम और एक्टिविटीज को भी कम ही समय दे पाते हैं। हाल ही में एक रिसर्च में दावा किया गया है कि देश में लगभग 34 प्रतिशत लोग स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त व्यायाम नहीं करते हैं।
वैसे देखा जाए तो वैश्विक स्तर पर 1.4 अरब से अधिक वयस्कों को पर्याप्त शारीरिक गतिविधि ना करने से बीमारियों का खतरा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2001 से शारीरिक गतिविधि के वैश्विक स्तर में कोई सुधार नहीं है। व्यायाम की कमी से समय के साथ हार्ट प्रोब्लम्स, टाइप 2 डायबिटीज, डिमेंशिया और कैंसर जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
लोगों में ये सभी बीमारियां अनहेल्दी फूड पैटर्न और बीमारियों के पारिवारिक इतिहास के कारण हो सकती है। वहीं ज्यादातर समय बैठे रहने की जीवनशैली के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।
जिन लोगों के पास डेस्क की नौकरियां हैं, वे कुर्सियों पर बैठे हुए ही अपना अधिकांश कामकाजी समय गुजारते हैं। जिससे शारीरिक एक्टिविटीज न के बराबर होती है। जिससे लोगों में बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर्स की मानें तो सिटिंग जॉब वाले लोगों के लिए यह और भी जरूरी हो जाता है कि वह दिन में कम से कम 1 घंटे का समय शारीरिक क्रियाओं जैसे व्यायाम या योग को जरूर दें। ताकि बीमारियों को कम किया जा सके।