हिमाचल में गर्मियां बढ़ते ही जंगलों में आगजनी की घटनाएं भी बढ़ने लगी हैं। पहाड़ों में तापमान में वृद्धि के बाद जंगलों की आग में हर साल इज़ाफ़ा होता है और करोड़ों रुपए की वन संपदा इस आग की भेंट चढ़ जाती है।हिमाचल प्रदेश में चीड़ के जंगलों में सबसे ज्यादा आगजनी की घटनाएं सामने आती है। रिहायशी इलाकों में अब तक अप्रैल महीने में 38 जबकि जंगली आग की 168 की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
हालांकि इस सीजन में आगजनी की घटनाएं बीते वर्ष के मुकाबले काफी कम है। इस सीजन में 400 आगजनी की घटनाएं पेश आई है।वन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने बताया कि वन विभाग के कर्मचारी आग बुझाने के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गयी। सरकार जंगलों को बचाने के लिए जरुरत पड़ने पर हेलीकॉप्टर सेवाए लेने से भी पीछे नहीं हटेगी।
वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि जंगलो की आग रोकने के लिए स्थानीय लोगों,ग् राम पंचायतों, युवक मंडलोंमहिला मंडलों और समाजसेवी संस्थाओ से भी इस तरह की घटनाओ को रोकने के लिए सहयोग लिया जा रहा है। वहीं,अग्निशमन विभाग के बेहतरीन प्रबंधन के चलते फारेस्ट फायर और बाकी आगजनी की घटनाओं पर रेस्पॉन्स टाइम में भी सुधार किया है। वन मंत्री ने लोगों से जंगलों को आगजनी से बचाने की और आग लगने पर तुरंत इसकी सूचना विभाग को देने की अपील की है।