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सोशल मीडिया पर नेताओं के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणियों को होगी जांच: कांग्रेस

पी. चंद, शिमला |

प्रदेश कांग्रेस ने सोशल मीडिया में पार्टी के नेताओं के खिलाफ तल्ख टिप्पणीयों को गंभीरता से लेते हुए इसे पार्टी की अनुशासन हिनता माना हैं। पार्टी का कहना है कि इसे किसी भी स्तर पर सहन नहीं किया जाएगा।
 प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने सोशल मीडिया में एक वर्ग द्वारा पार्टी के नेताओं के खिलाफ अभद्र टिप्पणीयों पर कड़ा संज्ञान लेते हुए इसे तुरंत बन्द करने को कहा हैं। इस संदर्भ में उन्होंने चुनाव के बाद सोशल मीडिया में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के खिलाफ तल्ख व अभद्र टिप्पणीयों पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि यह किसी भी स्तर पर सहन नहीं किया जाएगा।

उन्होंने इसकी जांच के लिए आज यहां पार्टी के चार सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया जो ऐसे सभी मामलों की पड़ताल कर उन पार्टी कार्यकर्ताओं का पूरा इतिहास जानेगी जो इसमें शामिल पाये जाएंगे। कमेटी इस बात की भी जांच करेंगी की यह सब किसके इशारे पर किया जा रहा है और इसके पीछे कोई नेता या पार्टी पदाधिकारी तो नहीं हैं। चार सदस्यीय इस समिति में पार्टी अध्यक्ष के राजनैतिक सचिव हरि कृष्ण हिमराल, प्रेस सचिव बलदेव ठाकुर, सोशल मीडिया के संयोजक राजेंद्र शर्मा व राजेंद्र वर्मा को शामिल कर जांच का जिम्मा सौंपा गया है।

कुलदीप राठौर ने समिति को एक हफ्ते के भीतर पूरी जांच कर पूरे तथ्यों सहित उन्हें रिपोर्ट देने को कहा है। इसके बाद गुण दोष के आधार पर कार्यवाही होंगी। उन्होंने कहा है कि पार्टी के भीतर अनुशासनहीनता किसी भी स्तर पर सहन नही होगी चाहे वह कितना भी प्रभाबशाली क्यों न हो। हरि कृष्ण हिमराल ने बताया कि पार्टी ने पिछले कुछ दिनों में कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा मीडिया में पार्टी के नेताओं के खिलाफ तल्ख टिप्पणीयों का कड़ा नोटिस लिया है। उन्हें इस संदर्भ में उन कार्यकर्ताओं को चेताया भी था। चूंकि अब प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने इसकी जांच का जिम्मा उन्हें सौंपा है तो इस पूरे मसले की जांच बारीकी से शुरू कर दी है। इसमे शामिल पार्टी कार्यकर्ताओं को समन जारी उन्हें ऐसी टिप्पणीयों को तुरंत बंद करने को कहा गया है।

उनका कहना है कि अगर किसी कार्यकर्ता या नेता को किसी से कोई तल्खी या नाराजगी है तो वह सोशल मीडिया में न जाकर उचित फोरम पर या उनसे सीधे संवाद कर सकते हैं। सारे तथ्य जुटाकर इस बात की भी जांच होंगी की कही यह पार्टी को कमजोर करने या विपक्षी नेताओं की कोई साज़िश या चाल तो नहीं। फिलहाल सारे तथ्यों को इकठ्ठा किया जा रहा है, और सभी को हिदायत दी गई है कि वह सोशल मीडिया में किसी भी प्रकार की तल्ख टिप्पणी न करें।