भारी गर्मी के आते ही शिमला जिला के कई इलाकों में अभी से पानी कि दिक्कतें आने लगी हैं। इसी कड़ी में मशोबरा के ट्रहाई गांव में पिछले एक सप्ताह से लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग कुभंकरण की नींद सोया है। इस गांव के लोगों द्वारा शुक्रवार को खाली बर्तनों को लेकर आईपीएच विभाग के खिलाफ रोष प्रकट किया और विभाग के खिलाफ नारे लगाए।
लोगों ने बताया कि ट्रहाई गांव कई वर्षो से पेजय जल समस्या से जूझ रहा है और इस साल अत्यधिक गर्मी होने के कारण इस गांव के लोगों को पानी न मिलने के कारण बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पेयजल की समस्या बारे गांव के लोगों द्वारा अनेकों बार अधीशासी अभिंयता आईपीएच शिमला से अनेकों बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन विभाग के अधिकारी लोगों की बात को अनसुना करके उन्हें केवल मात्र आश्वासन मिल रहे।
उनका कहना है कि आईपीएच विभाग की लापरवाही के कारण गत वर्ष बरसात के दौरान ट्रहाई गांव के लोगों ने छत से टपकने वाले बारिश के पानी से अपनी प्यास बुझानी पड़ी थी। उस दौरान भी विभाग के अधिकारियों द्वारा पेयजल की समस्या पर कोई गौर नहीं किया गया।
उल्लेखनीय है कि ट्रहाई गांव के लिए लगभग 30 वर्ष पहले मलावण नामक जल स्त्रोत पेयजल योजना तैयार की गई लेकिन कुछ ही सालों बाद ये स्त्रोत सूख जाने से लगभग चार सौ की आबादी वाले गांव के लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी थी। तत्पश्चात विभाग द्वारा मंगलेड खड्ड से पजाल नामक गांव के लिए उठाऊ पेयजल योजना निर्मित की गई जिससे साथ इस गांव को भी जोड़ा गया था। इस योजना से अन्य गांव के लोगों द्वारा विभाग के फील्ड स्टाफ की मिलीभगत होने से धांधली हुई और ट्रहाई गांव के लोगों को पेयजल की समस्या होने लगी। पिछले 3 सालों में इसकी कोई जांच नहीं हुई और अब तो लोगों को अपनी जेब से पानी खरीदकर गुजारा करना पड़ रहा है।