वर्ल्ड कप के 18वें मैच में भारत का मुकाबला गुरुवार को न्यूजीलैंड से नॉटिंघम में होगा। दोनों टीमें इस टूर्नामेंट में अब तक एक भी मैच नहीं हारी है। भारत की नजर लगातार तीसरी जीत पर होगी। वहीं, न्यूजीलैंड की टीम जीत का चौका लगाना चाहेगी। दोनों टीमें इस मैदान पर दूसरी बार आमने-सामने होंगी। पिछली बार 12 जून 1999 को न्यूजीलैंड ने भारत को पांच विकेट से हराया था।
भारतीय टीम इस मैच में अपने नियमित ओपनर शिखर धवन के बिना उतरेगी। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले मैच में उनके अंगूठे में चोट लग गई थी। धवन की जगह लोकेश राहुल को रोहित शर्मा के साथ ओपनिंग करने के लिए भेजा जाएगा। इसकी पुष्टि बल्लेबाजी कोच संजय बांगड़ ने मैच से एक दिन पहले कर दी थी। वहीं, चौथे नंबर पर दिनेश कार्तिक और विजय शंकर में से किसी एक को मौका दिया जा सकता है।
भारत की मजबूती
रोहित शर्मा-विराट कोहली: टीम इंडिया के ओपनर रोहित शर्मा ने इस वर्ल्ड कप के अपने पहले मैच में 122 रन बनाए। उनकी नाबाद पारी की बदौलत भारत ने दक्षिण अफ्रीका को हरा दिया। रोहित ने पिछले एक साल में 28 मैच खेले। इस दौरान 72.50 की औसत से 1595 रन बनाए। उन्होंने छह शतक भी लगाए। वहीं, विराट कोहली दूसरे मैच में 82 रन की पारी खेली थी। वे भी रोहित की तरह पिछले एक साल से फॉर्म में हैं। उन्होंने इस दौरान 21 मैच खेले। इस दौरान 71.31 की औसत से 1355 रन बनाए। उन्होंने भी छह शतक लगाए।
गेंदबाजी: भारत ने दक्षिण अफ्रीका को पहले मैच में 227 रन पर रोक दिया। वहीं, दूसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 352 रन का बचाव किया। गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को 50 ओवर में 316 रन पर ऑलआउट कर दिया। दोनों मैच को मिलाकर बात करें तो तेज गेंदबाजों ने 10 विकेट लिए। वहीं, स्पिनर्स के खाते में सात विकेट गए। कप्तान कोहली गेंदबाजों से इस मैच में भी बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे होंगे।
भारत की कमजोरी
नई ओपनिंग जोड़ी: धवन ने पिछले मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक लगाया। उनके चोटिल होने से राहुल इस मैच में ओपनिंग करेंगे। उन्होंने अब तक 16 वनडे खेले। इनमें 9 बार ओपनिंग की। इस दौरान 56 की औसत से 280 रन बनाए। करियर का एकमात्र शतक इसी क्रम पर लगाया। राहुल ओपनिंग में बेहतर प्रदर्शन करते हैं, लेकिन वर्ल्ड कप के मैच में उन पर दबाव होगा। यही दबाव रोहित पर भी होगा। उन्हें नए जोड़ीदार के साथ बल्लेबाजी की शुरुआत करनी होगी। ऐसे में तालमेल की समस्या आ सकती है। टीम प्रबंधन दोनों से इस मैच में बेहतर शुरुआत की उम्मीद कर रहा होगा।
न्यूजीलैंड की मजबूती
रॉय टेलर-केन विलियम्सन: टेलर और विलियम्सन को पहले मैच में बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला। इसके बाद दूसरे मैच में टेलर ने 82 और विलियम्सन ने 40 रन का योगदान दिया। तीसरे मैच में टेलर ने 48 और विलियम्सन ने 79 रन की पारी खेली। दोनों खिलाड़ियों ने टीम को एक-एक मैच में अपनी बल्लेबाजी की बदौलत जीत दिलाई है। टेलर टूर्नामेंट के टॉप-10 बल्लेबाजों में न्यूजीलैंड के इकलौते क्रिकेटर हैं।
तेज गेंदबाज: न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज इस टूर्नामेंट में सबसे असरदार साबित हुए हैं। टॉप-10 में तीन कीवी गेंदबाज हैं। इनमें चौथे नंबर पर लॉकी फर्गुसन, पांचवें नंबर पर मैट हेनरी और छठे स्थान पर जेम्स नीशम हैं। फर्ग्युसन ने तीन मैच में 8, हेनरी ने 7 और नीशम ने 6 विकेट लिए। टीम प्रबंधन इन तीनों से भारत के खिलाफ अहम मैच में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रही होगी।
न्यूजीलैंड की कमजोरी
ओपनर्स आउट ऑफ फॉर्म : पहले मैच में न्यूजीलैंड को श्रीलंका के खिलाफ 10 विकेट से जीत मिली थी। इस मैच में ओपनर मार्टिन गुप्टिल ने 73 और कॉलिन मुनरो ने 58 रन की पारी खेली थी। दोनों ने 137 रन की साझेदारी की। इसके बाद अगले मैच में गुप्टिल 25 और मुनरो 24 रन बनाकर आउट हो गए। दोनों ने 35 रन जोड़े। वहीं, तीसरे मैच में टीम को पहला झटका शून्य पर ही लग गया। गुप्टिल शून्य पर पवेलियन लौट गए। मुनरो भी ज्यादा देर नहीं टिक सके और सिर्फ 22 रन ही बना सके। भारत के खिलाफ मैच में दोनों टीम को बेहतर शुरुआत देना चाहेंगे।