मौसम ने ऊपरी शिमला के कई क्षेत्रों में ख़ूब कहर बरसाया है। एक साथ वर्षा तूफान और ओलों से नारकंडा, देहा बलसन चौपाल, के चांजु, खगना पुलबाहल सहित सभी 54 पंचायतो में फल फ्रूट और फसलों को भारी नुकसान पहुचा है। फसलों पर आफत बनकर आये तूफ़ान ने ऐसी तबाई मचाई कि बागवान त्राहि त्राहि कर उठे।
तूफ़ान से नेरवा की सभी 22 पंचायतों सहित तहसील कुपवी की कुछ पंचायतों में सेब और नाशपाती की फसल को व्यापक नुकसान पहुंचा है। तूफ़ान से हुई तबाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सेब और नाशपाती की 80 प्रतिशत फसल झड़ कर बागीचों में बिखर गई। आलम यह है कि क्षेत्र में कोई भी बागीचा ऐसा नहीं बचा है जिसमें बागवानों के अरमान न बिखरे हों।
सेब और नाशपाती की हजारों पेटियां झड़ने से करोड़ों रुपये के नुकसान का अनुमान है। प्रभावित बागवानों ने सरकार से गुहार लगाईं है कि उन्हें नुकसान सरकारी मुआवजा प्रदान किया जाए। इस रात आया तूफ़ान कई घरों की छतें उड़ा ले गया। जानकारी के अनुसार बढ़ेईला निवासी राय सिंह हेटा की तीन कमरों के मकान छत उड़ गई।