निजी स्कूलों की मनमानी, लूट और भारी फीसों के खिलाफ छात्र अभिभावक मंच के पदाधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने तीसरे चरण के आंदोलन के तहत प्रधान सचिव शिक्षा कमलेश कुमार पंत से मुलाकात की और उन्हें ज्ञापन सौंपा। शिक्षा सचिव ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है कि किसी भी निजी स्कूल को मनमानी नहीं करने दी जाएगी और निजी स्कूलों की मनमानी, लूट और भारी फीसों पर नकेल लगाई जाएगी। मंच ने चेताया है कि अगर भारी फीसों में कटौती न की गयी तो आंदोलन तेज होगा।
मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि मंच के आंदोलन के फलस्वरूप 18 मार्च, 8 अप्रैल और 4 मई 2019 को उच्चतर शिक्षा निदेशक ने भारी फीसों पर अंकुश लगाने के लिए तीन अधिसूचनाएं जारी की थीं। इसके साथ ही शिक्षा अधिकारियों ने पूरे प्रदेश में निजी स्कूलों की 8 से 22 अप्रैल तक इंस्पेक्शनें कीं। इन इंस्पेक्शनों के फलस्वरूप 4 मई 2019 को शिमला, सोलन, हमीरपुर, मंडी, कुल्लू, बिलासपुर, कांगड़ा और सिरमौर जिला के 96 निजी स्कूलों को पत्र लिख कर फीसें कम करने व इसकी अनुपालना 7 दिन के अंदर करने के निर्देश जारी किए गए थे। लेकिन इस सबके बावजूद इन आदेशों और अधिसूचनाओं पर निजी स्कूलों ने रत्ती भर भी कार्य नहीं किया।
उन्होंने कहा है कि लगभग चार महीने बीतने के बावजूद भी निजी स्कूलों के खिलाफ ज़मीनी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं दिख रही है। मंच ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर निजी स्कूलों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है। इसी कारण शिक्षा विभाग के अधिकारी अपनी ही अधिसूचनाओं को लागू करवाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इसके फलस्वरूप निजी स्कूल शिक्षा निदेशालय की अधिसूचनाओं और आदेशों को धत्ता बताकर समानांतर व्यवस्था चला रहे हैं।