बेमौसमी बारिश से हुए नुकसान से किसानों को घाटा फल, सब्जियों की फ़सल में घाटा झेलना पड़ रहा है। प्राकर्तिक आपदा से हुए नुकसान पर अब किसान संघर्ष समिति ने भी चिंता जताई है। साथ ही किसान संघर्ष समिति ने मांग की है कि प्रभावित क्षेत्रों में तुरंत सर्वक्षण करवाया जाए और किसान तथा वागवानों को उचित मुआवज़ा सरकार की ओर से प्रदान किया जाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सबसे अधिक नुकसान शिमला जिला के नेरवा, बमटा, ठियोग की भराना, कमाह, संधू, मतयाना, चियोग, फागू, घूण्ड, बगैन, सरीवन सिरमौर के हरिपुरधार, नोहराधार, संगड़ाह, शिलाई, आदि क्षेत्रों में हुआ है। इसमे सेब, नाशपाती, प्लम, खुमानी, बादाम, गोभी, टमाटर आदि की फ़सल लगभग तबाह हो गई है। अंधड़ और तूफान की गति इतनी भयंकर थी कि कई स्थानों पर तो पेड़ तथा मकानों की छतें ही बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ओलावृष्टि से बचने के लिए जिन बागवानों ने जालियां डाल रखी थी उनकी जालियां भी टूट गई जिससे फल भारी मात्रा में झड़ गये है।
इस तूफान और ओलावृष्टि से करोड़ो रूपये की फसल बर्बाद हो गई है। इस क्षतिपूर्ति के किसान संघर्ष समिति सरकार से मांग करती है कि प्रभावित क्षेत्रों में फसल की बर्बादी का तुरंत आंकलन करवा कर प्रभावित किसानों और बागवानों को उचित मुआवजा दिया जाए। इसके साथ जिन किसानों और बागवानों को फसल बीमा योजना के तहत लिया गया है। उन्हें तुरंत मुआवजा राशी बीमा कंपनी के द्वारा प्रदान की जाए तथा इन किसानों व बागवानों की ऋण की वसूली पर तुरन्त रोक लगाई जाए।