बीजेपी के युवा नेता अरुण धूमल ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर भ्रष्टाचार का एक और सनसनीखेज़ आरोप लगाया है। अरुण धूमल के मुताबिक, हॉर्टीकल्चर यूनिवर्सिटी से जो सेब के पौधे बागवानों के लिए आये थे, उन्हें अपने चहेतों को बांट दिया गया। यहां तक कि ये पौधे फ्री-ऑफ-कॉस्ट मुख्यमंत्री के बीगीचे तक भी पहुंच गए।
शिमला में आयोजित एक प्रेस-कॉन्फ्रेंस के जरिए धूमल ने मुख्यमंत्री पर इस भ्रष्टाचार में संलिप्त होने का आरोप जड़ा। इस दौरान उन्होंने बागवानों से बातचीत का एक स्टिंग रिकॉर्डिंग भी शेयर की। इस ऑडियो में बागवान सेब के नए पौधे मिलनी की बात को खारिज करते हुए सुनाई दे रहे हैं। बागवानों का कहना है कि उन्हें वीरभद्र सरकार की तरफ से किसी तरह की मदद या फायदा नहीं मिला है।
अरुण धूमल का कहना है कि पौधे देने की फर्जी लिस्ट बनाई गई। तीस हजार पौधे हॉर्टिकल्चर यूनिवर्सिटी की तरफ से आए थे, लेकिन उन्हें रसूख वाले लोगों तक पहुंचा दिया गया।
आजादी के बाद सबसे नकम्मी रही वीरभद्र सरकार
अरुण ने वीरभद्र सरकार को आजादी के बाद की सबसे निकम्मी और भ्रष्ट सरकार होने के आरोप मढ़े। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और धर्मपत्नी दोनों पर करोड़ों के भ्रष्टाचार के आरोप साबित हुए हैं जिसके बाद दोनों बेल पर चल रहे हैं। कानून की पेचीदगियों का लाभ उठाकर मुख्यमंत्री दिल्ली दौड़ लगाते रहते है। धूमल ने दावा किया कि जनता का विश्वास सरकार से उठ चुका है।