बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) का कहर जारी है। चमकी बुखार की चपेट में आने से अब तक 69 बच्चों की मौत हो चुकी है। अधिकारियों के मुताबिक ये मौतें हाइपोग्लीसेमिया की वजह से हुई हैं। उन्होंने बताया कि सभी बच्चे हाइपोग्लीसेमिया के शिकार हुए हैं। यह ऐसी स्थिति है जिसमें ब्लड शुगर का स्तर बहुत घट जाता है और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलित हो जाते हैं।
बिहार में उमस भरी गर्मी के बीच मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के इलाकों में बच्चों पर कहर बनकर टूटने वाले इस चमकी बुखार से करीब 24 दिन में 69 बच्चों की मौत हो चुकी है। बता दें कि 15 वर्ष तक की उम्र के बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। मरने वाले बच्चों की उम्र एक से सात साल के बीच ज्यादा है। डॉक्टरों के मुताबिक, इस बीमारी का मुख्य लक्षण तेज बुखार, उल्टी-दस्त, बेहोशी और शरीर के अंगों में रह-रहकर कंपन (चमकी) होना है।
चमकी बुखार के कहर के चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। अस्पतालों में डॉक्टरों और कर्मियों की 24 घंटे ड्यूटी लगाई जा रही है। गौरतलब है कि बरसात से पहले ये बीमारी हर साल बिहार में कहर बरपाती है।