गद्दी लोक कलाकार सुनील राणा ने एक बार फिर से अपनी लोकसंस्कृति से संबंधित एलबम को लॉन्च किया है। राणा की पिछली एलबम ने लोक संस्कृति के चाहवानों के दिलों में अपना परचम कायम किया था और इस बार फ़िर उन्होंने इससे संबंधित ही पैरामीटर रख़ा है।
कभी गद्दियाली नाटी तो कभी 'गद्दियाली नाटी दा चाव' के जरिये इस संस्कृति को जन-जन तक पहुंताने में मशगूल सुनील राणा आज हर किसी की पहली पसंद बन चुके हैं। शायद यही वजह है कि रिकॉर्ड समय में सुनील की पहली एलबम गद्दियाली नाटी को 60 लाख लोगों ने पसंद किया था। आज राणा गद्दियाली नाटी के जरिये भी गद्दियाली गानों को सहेजने का संदेष दे रहे हैं। क्या कहते हैं सुनील राणा आप ख़ुद ही सुनिये…
वैसे तो किसी भी समाज का आयना उसकी लोक संस्कृति होती है…फिर बात अगर हिमाचल के चम्बा की हो या कहीं और की। चंबा की लोक संस्कृति और सभ्यता का इतिहास हजारों साल पुराना है…बावजूद इसके आज ये संस्कृति धीरे-धीरे हासिये पर खिसकती जा रही है… जिसे जिंदा रख़ने में स्टार कलाकार सुनील राणा अहम भूमिका निभा रहे हैं।