मोदी सरकार का बजट सत्र 17 जून को शुरू होने जा रहा है। बजट सत्र के पहले दिन ही तीन तलाक विधेयक को लेकर सदन में गहमा गहमी हो सकती है। सोमवार को मोदी सरकार इस विधेयक को नए तरीके से पेश करेगी। इससे पहले ये बिल पूर्ववर्ती बीजेपी नीत राजग सरकार ने फ़रवरी में पारित कर दिया है।
पिछले महीने 16 वीं लोकसभा के भंग होने के बाद पिछला विधेयक निष्प्रभावी हो गया था, क्योंकि यह राज्यसभा में लंबित था। दरअसल, लोकसभा में किसी विधेयक के पारित हो जाने और राज्यसभा में उसके लंबित रहने की स्थिति में निचले सदन (लोकसभा) के भंग होने पर वह विधेयक निष्प्रभावी हो जाता है। इसके चलते विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं हुआ और निष्प्रभावी हो गया।
मुस्लिम महिला(विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अध्यादेश, 2019 के तहत तीन तलाक के तहत तलाक अवैध, अमान्य है और पति को इसके लिए तीन साल की कैद की सजा होगी। 17वीं लोकसभा के प्रथम सत्र में नयी सरकार की योजना तीन तलाक की प्रथा पर पाबंदी लगाने सहित 10 अध्यादेशों को कानून में तब्दील करने की है।