संसद का सत्र सोमवार से शुरू हो गया है, लेकिन दशकों से संसद और भारतीय राजनीति पर छाए आठ चेहरे इस बार नजर सदन में नहीं आएंगे। इनमें पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह, एचडी देवगौड़ा, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, सुषमा स्वराज, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे आदि शामिल हैं। यही नहीं, इस बार संसद में कोई पूर्व प्रधानमंत्री भी नहीं होगा।
दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का राज्यसभा का कार्यकाल बीते शुक्रवार को खत्म हो गया है। वहीं, जेडीएस नेता और पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा भी तुमकुर से लोकसभा चुनाव हार गए हैं।
लगभग 30 साल बाद ये पहला मौका होगा जब इस खास मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह सदन में नजर नहीं आएंगे। बता दें कि इस बार राज्य विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों की संख्या इतनी नहीं है कि वे उन्हें फिर से राज्यसभा के लिए भेज सकें।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी सबसे पुराने संसद सदस्य रहे हैं। 1970 से लेकर 2019 तक संसद में रहे हैं। पहले चार बार राज्यसभा सदस्य के रूप में और फिर उन्होंने आठ लोकसभा चुनाव जीते। लेकिन वयोवद्ध नेता ने इस बार चुनाव नहीं लड़ा। इसी प्रकार बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी, सुषमा स्वराज, उमा भारतीय ने भी चुनाव नहीं लड़ा।
बीजेपी की वरिष्ठ नेता और लोकसभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन भी लंबे समय बाद अब संसद के गलियारों में नहीं दिखेंगी। लोकसभाध्यक्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद वह इस बार चुनाव मैदान में नहीं उतरी थी। वह आठ बार लोकसभा सांसद रही हैं।
इसी प्रकार पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस नेता एचडी देवगौड़ा भी करीब बीस साल के बाद संसद में नजर नहीं आएंगे। वे इस बार तुमकुर से चुनाव हार गए। हो सकता है कि उनकी पार्टी बाद में उन्हें राज्यसभा भेजे लेकिन अभी वह संसद में नहीं दिखेंगे।
इसी प्रकार मल्लिकार्जुन खड़गे जिन्हें कांग्रेस ने पिछली बार लोकसभा में अपना नेता बनाया हुआ था और अनुभवी नेता थे, इस बार चुनाव हार गए। वे भी संसद में नजर नहीं आएंगे।