राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ हिमाचल शाखा ने अपनी मांगों के समर्थन में सरकार के ख़िलाफ़ शिमला में एक बार फ़िर मोर्चा खोल दिया है। संघ ने अपनी मांगों को लेकर पंचायत भवन से लेकर सचिवालय तक पैदल मार्च किया। राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के अध्यक्ष शोभू राम का कहना है कि सरकार की ओर से अभी तक उनकी मांगों को लेकर कुछ नहीं किया गया है। पूर्व सरकार के साथ उनकी कई वार्ताएं हुई, मगर सरकार ने वार्ता में लिया गया कोई भी निर्णय लागू नहीं किया। उन्होंने कहा कि संगठन की कोई भी मांग एक्ट से बाहर नहीं है, बावजूद इसके सरकार इसे पूरा नहीं कर रही।
संघ की मुख्य मांगों में दृष्टिहीन व्यक्ति जब तक बेरोज़गार है तब तक सरकार उसे कम से कम 3000 रुपए मासिक बेरोज़गारी भत्ता प्रदान करें। अधिक योग्यता वाले व्यक्त को उसकी योग्यता के अनुसार राशि सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा तृतीय और चतुर्थ श्रेणी का बैकलॉग तुरंत भरा जाए। प्रदेश में कई स्कूल होने के कारण चतुर्थ श्रेणी की नियुक्ति के लिए शिक्षा में शत प्रतिशत छूट दी जाए। प्रथम और द्वितीय श्रेणी के बैकलॉग में फर्जी तरीके से अन्य व्यक्ति रखे जा रहा है।
प्रदेश में 2001 में अंशकालिक जलवाहक के बहुत से पद दृष्टिहीनों से भरे गए हैं। जिन्हें नियम 12 में विशेष छूट दी गई थी और कहा था कि पांच वर्ष में उन्हें नियमित कर दिया जाएगा। मगर वह आज तक नियमित नहीं किए। दृष्टिहीन पद के लिए ब्रेल आवश्यक होनी चाहिए। दृष्टिहीन व्यक्ति को बिना शर्त निःशुल्क बस पास की सुविधा दी जाए। संघ के महासचिव शोभू राम ने सरकार को चेताया कि फिलहाल उनका आज का मार्च शांतिपूर्वक है। यदि सरकार ने उनकी मांगो पर गौर नहीं किया तो आगे की रणनीति तय की जाएगी।