आज महिलाएं समाज के हर क्षेत्र में पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। महिलाओं को समाज में यह स्थान उनके आत्मविश्वास के कारण प्राप्त हुआ है। समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ रही हिंसा एक चिंता का विषय है तथा इस विषय के प्रति सरकार गंभीर तो है। जब तक महिलाएं स्वयं अपनी सुरक्षा के प्रति सजग नहीं होगी, तब तक समाज में महिला उत्पीड़न की संभावनाएं बनी रहेंगी।
यह विचार आज ‘यूथ मोटिवेशनल स्पीकर’ पुरस्कार से सम्मानित छोटी गुरू मॉं ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कसुम्पटी शिमला की छात्राओं और अध्यापिकाओं को आत्मरक्षा के बारे में जानकारी देते हुए कही। गुरू मां नासिक में ‘माई ग्लोरियस लॉईफ’ नामक न्यूरोपैथी शिविर को चलाती हैं और वह नासिक महाराष्ट्र लाईफ केयर एंड पीस मिशन से जुड़ी हुई हैं।
उन्होंने कसुम्पटी स्कूल की छात्राओं को शारीरिक और मानसिक तौर पर पूर्णतः स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि छात्राओं को विकट परिस्थितियों में अपनी सुरक्षा स्वयं करने के लिए साहस और धैर्य से कार्य करना चाहिए। छात्राएं छेड़छाड़ और घिनौनी हरकत करने वाले व्यक्तियों के प्रति चुपी ना साधें। इसके बारे में अपने अभिभावकों और अध्यापकों को अवश्य अवगत करवाएं। उन्होंने छात्राओं को आत्मरक्षा के विभिन्न गुर सिखाए जिससे वह विकट परिस्थितियों में आत्म सुरक्षा कर सके।
उन्होंने कहा कि छात्राओं को किसी कठिन परिस्थिति का मज़बूती और बाहदुरी से सामना करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक महिला को ना केवल अपनी रक्षा स्वयं करनी है, बल्कि अन्य महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी आगे आना चाहिए। इसके लिए आवश्यक है कि छात्राएं शारीरिक एवं मानसिक रूप से मज़बूत बने।
इस अवसर पर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कसुम्पटी की मुख्याध्यापिका मीरा शर्मा ने गुरू माँ को महत्त्वपूर्ण जानकारी देने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। अतिरिक्त मुख्य सचिव की धर्मपत्नी उमा बाल्दी सहित अन्य इस अवसर पर उपस्थित थे।