शिमला कहने को तो पुलिस प्रमुख ने एक भी सवारी के बस में खड़े रहने पर चालान काटने के आदेश जारी किए है। लेकिन कानून की धज्जियां उड़ाने में हम आप पीछे नहीं रहते हैं। ये हाल राजधानी शिमला का है जहां पुलिस प्रमुख के आदेशों को ठेंगा दिखाकर भेड़ बकरियों की तरह सवारियां भरी जा रही हैं। पुलिस प्रमुख ने भी बिना सोचे समझे ये आदेश तो जारी कर दिए कि एक भी सवारी खड़ी होगी तो चालान कटेगा लेकिन बसें रूट पर कम और सवारियां ज़्यादा होंगी तो यात्रियों को खड़े होकर बस में चलना लाज़मी है।
अग़र ऐसा न किया जाए तो यात्री अपने गंतव्य तक कैसे पहुंचेगे। ऐसे में बेहतर होता कि आदेश देने से पहले सरकार अतिरिक्त बसों का प्रबंध करती। अब लोगों का बस में जाना मज़बूरी है जिसका निज़ी बस ऑपरेटर जमकर फ़ायदा उठाते हैं। वैसे भी जब इस तरह के हादसे पेश आते हैं तो इस तरह के आदेश भी जारी होते ही हैं। लेकिन ये आदेश कुछ वक्त बाद भुला दिए जाते है। परिणामस्वरूप सड़को पर हादसों का खूनी खेल जारी रहता है और अगले किसी बड़े हादसे का इंतजार सरकार और ये सरकारी बाबू करते फ़िरते हैं।