हिमाचल के सेब बगीचों में स्कैब के हमले से हड़कंप मच गया है। सेब को स्कैब से बचाने के लिए प्रदेश सरकार भी एक्शन मोड में आ गई है। प्रदेश में 4500 करोड़ का कारोबार करवाने वाले सेब की फसल को रोगमुक्त करने के लिए सरकार ने विभागीय अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बागवानों को तुरंत आवश्यक सहायता दी जाए ताकि सेब की फसल को बचाया जा सके।
अधिकारी आवश्यक दवाइयों की प्रभावित क्षेत्रों में आपूर्ति करवाएंगे और छिड़काव संबंधी जानकारी भी देंगे। 37 साल बाद सेब बगीचों में इस महामारी की दस्तक ने बागवानों की परेशानी बढ़ा दी है। बगीचों में 1982 में स्कैब करोड़ों का नुकसान कर चुका है।
बागवानी निदेशक डॉ. एमएल धीमान ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि फफूंद से लगने वाले स्कैब रोग की रोकथाम के लिए उद्यान अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। विभाग हर साल डॉ. वाईएस परमार उद्यानिकी एवं वानिकी विवि नौणी के सहयोग से रोग पर काबू पाने को छिड़काव सारिणी तैयार करवाता है। इसके अनुसार आवश्यक दवाइयों का वितरण किया जाता है। विभाग ने इस स्थिति से निपटने के लिए निदेशालय स्तर पर एक समिति का गठन किया है।