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नशा मुक्ति अभियान के तहत शिमला में निकाली गई ‘एंटी ड्रग’ रैली

पी. चंद |

आज एंटी ड्रग डे है। इस दिन आप अपने पास के किसी व्यक्ति को जो नशा करता हो, नशा छोड़ने में मदद करें तो यह अच्छी पहल होगी। एन्टी ड्रग डे के उपलक्ष्य में शिमला के रिज मैदान पर बच्चों द्वारा नशे के ख़िलाफ़ रैली निकाली जिसे शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौक़े पर शिक्षा मंत्री ने सभी को नशे से दूर रहने का संदेश दिया। एन्टी ड्रग डे पर प्रेस क्लब शिमला ने भी नशे के ऊपर चित्रकला प्रतियोगिता अयोजित करवाएगा।  

नशीली दवाओं के सेवन व अवैध तस्करी के खिलाफ विश्व भर में 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking) मनाया जाता है। 7 दिसंबर 1987 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव 42/112 में पारित किया गया। वियना में संयुक्त राष्ट्र की एक कांफ्रेंस में नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ 17 से 26 जून 1987 के दौरान फैसला लिया गया कि 26 जून को इसके खिलाफ लड़ाई को दर्शाते हुए पूरा विश्व वार्षिक दिवस के रूप में मनाएगा।

शुरू में सुझाव था कि 17 और 26 जून यानी दोनों दिन ये दिवस मनाया जाएगा, इस पर कई देशों को मतभेद था जिसके बाद बैठक हुई और 26 जून पर मुहर लगाया गया। इस कांफ्रेंस में भांग या गांजा स्मोकर्स पर एक प्ले (नाटक) भी दिखाया गया। 2007 में यूएन की ड्रग रिपोर्ट के अनुसार हर साल विश्व भर में करीब 322 बिलियन डॉलर का अवैध व्यापार होता है। पिछले साल का थीम था सुनो पहले (Listen First), बच्चों और युवाओं की बात सुनना उन्हें स्वस्थ और सुरक्षित बढ़ने में मदद करने के लिए पहला कदम है।

शुरू में सुझाव था कि 17 और 26 जून यानी दोनों दिन ये दिवस मनाया जाएगा, इस पर कई देशों को मतभेद था जिसके बाद बैठक हुई और 26 जून पर मुहर लगाया गया। इस कांफ्रेंस में भांग या गांजा स्मोकर्स पर एक प्ले (नाटक) भी दिखाया गया। 2007 में यूएन की ड्रग रिपोर्ट के अनुसार हर साल विश्व भर में करीब 322 बिलियन डॉलर का अवैध व्यापार होता है। पिछले साल का थीम था सुनो पहले (Listen First), बच्चों और युवाओं की बात सुनना उन्हें स्वस्थ और सुरक्षित बढ़ने में मदद करने के लिए पहला कदम है।

ड्रग तस्करी पर इन देशों में है कठोर सजा का प्रावधान

अमेरिका में ड्रग तस्करी के आरोप में पहली बार पकड़े जाने पर 40 साल की कठोर सजा है।

संयुक्त अरब अमीरात के देशों में तो ड्रग तस्करी के आरोपी की या तो हाथ काट दी जाती है या फिर मौत के घाट उतार देने का प्रावधान है।

सिंगापुर में 1973 में ड्रग तस्करी के खिलाफ कड़ा कानून पारित हुआ जिसके तहत 30 किलोग्राम या उससे अधिक कोई भी नशीला पदार्थ जैसे भांग, गांजा व कोकीन रखने या पकड़े जाने पर मौत की सजा दी जाती है।

मलेशिया में भी ड्रग तस्करी के खिलाफ कड़ा कानून बनाया गया है। यहां 50 किलो से ज्यादा मादक पदार्थ रखने वाले को फांसी के फंदे पर लटका दिया जाता है।

वहीं भारत में ड्रग तस्करी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट 1985 के तहत अलग-अलग सजा के प्रावधान हैं। इसमें धारा 15 के तहत एक साल, धारा 24 के तहत 10 की सजा व एक लाख से दो लाख रुपए तक का जुर्माना और धारा 31a के तहत मृत्युदंड तक का प्रावधान है।