मोदी सरकार 'वन नेशन-वन कार्ड' नारे के साथ एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। इससे लाभार्थी देश में कहीं भी किसी भी राशन की दुकान से अपने हिस्से का अनाज प्राप्त कर सकेंगे। इससे ना केवल भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा, बल्कि रोजगार या अन्य वजहों से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने वाले गरीबों को सब्सिडी वाले राशन से वंचित नहीं होना पड़ेगा। केंद्र सरकार ने गुरुवार को इसकी घोषणा की। इस बदलाव से एक से अधिक कार्ड रखने की संभावना भी खत्म हो जाएगी।
केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान के नेतृत्व में खाद्य सचिवों की बैठक में इस फैसले को तेजी से लागू करने का निर्णय लिया गया। प्रवासी मजदूरों को इसका सबसे अधिक लाभ मिलने का दावा करते हुए पासवान ने कहा, 'उन्हें पूर्ण खाद्य सुरक्षा मिलेगी। इससे लाभार्थियों को आजादी मिलेगी, क्योंकि वे एक PDS दुकान से बंधे नहीं होंगे। यह भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगाएगा।' इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए खाद्य मंत्रालय सभी कार्ड्स का एक केंद्रीय डेटाबेस तैयार करेगा, जो डुब्लीकेट कार्ड्स को हटाने में मददगार होगा।
खाद्य मंत्रालय ने कहा कि IMPDS आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा में पहले से लागू है, जहां कोई भी लाभार्थी अपने हिस्से का राशन किसी भी जिले से प्राप्त कर सकता है। केंद्र गरीबों के हित में इसे सभी राज्यों से लागू करने की अपील की है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लाभार्थी अगले 2 महीने में दोनों में से किसी राज्य में राशन उठाने की सुविधा प्राप्त कर सकेंगे।
सरकार के इस फैसले से फर्जी राशन कार्ड बनाने वालों पर भी नकेल कसेगी। आधार कार्ड की तर्ज पर हर राशन कार्ड में के विशिष्ट पहचान नंबर होगा। इससे फर्जी राशन कार्ड बनाना काफी मुश्किल हो जाएगा। इसके साथ ही सरकार ऐसी व्यवस्था करेगी जिसमें एक ऑनलाइन एकीकृत सिस्टम बनाया जाएगा। इस सिस्टम में राशन कार्ड का डेटा स्टोर होगा। अगर देश में कोई भी फर्जी राशन कार्ड बनाने की कोशिश करेगा तो इस सिस्टम के जरिए पता चल जाएगा।