Follow Us:

नैना देवी मंदिर में श्रावण अष्टमी नवरात्र मेला को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने की बैठक

सुनील ठाकुर |

विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में श्रावण अष्टमी नवरात्र मेला के दृष्टिगत  मातृ आँचल  यात्री निवास में जिला प्रशासन पुलिस की तैयारियों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई  जिसमें जिला के सभी विभागों के अधिकारीयों ने भाग लिया  और समीपवर्ती राज्य पंजाब से भी संबंधित विभागों के अधिकारीयों ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता जिलाधीश बिलासपुर राजेश्वर गोयल के नेतृत्व में की गई। श्रावण अष्टमी मेला 1 अगस्त से 10 अगस्त तक आयोजित किया जायेगा और यह मेला विश्व विख्यात शक्ति पीठ श्री नैना देवी जी  का सबसे बड़ा मेला है। जिसमें पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, दिल्ली, यूपी, बिहार, राज्यस्थान और देश के कोने-कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां की पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंचेगे।

जिलाधीश बिलासपुर ने बताया की इस बार मेले के दौरान दिव्यागों, बुजुर्गों और श्रद्धालुओं के लिए घवांडल से मंदिर तक सुगम वाहन की व्यवस्था की जाएगी ताकि उन्हें माता नैना देवी जी के दर्शन करने के लिए किसी भी प्रकार की कठिनाईयों का सामना ना करना पड़े। इसके अतिरिक्त उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि मेले के दौरान दुर्घटनाओं से बचने के लिए मेला क्षेत्र का निरिक्षण किया जाए। बसों और अन्य वाहनों में ओवरलोडिंग न हो इसलिए नियमित निरिक्षण करें। बस स्टैंड से माता के दरवार तक पैदल रास्तों में कम से कम 5 या 6 बैरियर 100 से 150 मीटर की दूरी पर स्थापित किए जाऐंगे, ताकि श्रद्धालुओं की भीड़ को रोका जा सके और भगदड़ से भी बचा जा सके।

उन्होंने कहा कि माता के दर्शनों के लिए आने वाले सभी श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर की गतिविधियों या अनुष्ठानों की जानकारियां उपलब्ध करवाने के लिए बस अड्डे से मन्दिर परिसर तक पैदल चलने वाले रास्ते पर चयनित स्थलों पर स्क्रीनें स्थापित की जाएंगी।  मेले के दौरान जेब कतरों पर नज़र रखने के लिए सजग, सचेत और प्रशिक्षित सीसीटीवी विजीलैंस टीमें कार्य करेंगी। इस कार्य में पुलिस विभाग के अधिकारी भी अपना आवश्यक सहयोगदान करेंगे।

श्रावण अष्टमी मेले के दौरान मंदिर न्यास महिला और पुरूष होमगार्ड के एक-एक कर्मचारी, न्यास के एक पूर्व सैनिक और पुलिस विभाग की एक महिला और एक पुरूष कांस्टेबल पांच सदस्यों की एक टीम सीएचसी घवांडल में रखें ताकि किसी भी श्रद्धालु के बीमार होने की स्थिति में वे मरीजों के साथ आनन्दपुर साहिब तक जाएगी और रोगी को अस्पताल में दाखिल करवा कर वापिस आएगी।