सीटू जिला कमेटी शिमला का जिला सम्मेलन 27-28 जुलाई को शिमला के कालीबाड़ी हॉल में सम्पन्न होगा यह निर्णय सीटू जिलाध्यक्ष बिहारी सेवगी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिला कमेटी बैठक में लिया गया। सीटू जिला महासचिव विजेंद्र मेहरा ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकारें लगातार मजदूर विरोधी निर्णय ले रही हैं। केंद्र में नई भाजपा सरकार बनने के साथ ही पहली ही कैबिनेट की बैठक में श्रम कानूनों में मजदूर विरोधी परिवर्तन करने के प्रस्ताव को इसी संसद सत्र में पेश करने का निर्णय लिया गया है। इस से 73 प्रतिशत मजदूर श्रम कानूनों के दायरे से बाहर हो जाएंगे। श्रम कानून की संख्या 44 से हटकर केवल 4 रह जायेगी। इस तरह यह सरकार पूंजीपतियों के इशारे पर मजदूरों का गला घोंटने का कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि यह सरकार एक तरफ मजदूरों का न्यूनतम वेतन 18 हज़ार रुपये करने में आनाकानी कर रही है। वहीं दूसरी ओर पूंजीपतियों को लाखों करोड़ों रुपयों की रियायतें दी जा रही हैं। यह सरकार अपने भारी बहुमत को गरीबों और मजदूरों के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है।
जिला कमेटी की बैठक में हुए निर्णयों की जानकारी देते हुए सीटू जिला महासचिव विजेंद्र मेहरा ने कहा कि 27-28 जुलाई को सम्पन्न होने वाले सीटू जिला सम्मेलन में जिला में कार्यरत 60 यूनियनों के लगभग 300 मजदूर नेता भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन तीन वर्षों के बाद हो रहा है और इसमें सभी 60 यूनियनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। सम्मेलन में आगामी तीन वर्षों की कार्ययोजना और आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सीटू की लोकतांत्रिक और जनवादी कार्यप्रणाली के तहत इस सम्मेलन में आगामी तीन वर्षों के लिए नई कमेटी का भी गठन किया जाएगा।